कोरोना के चलते स्वामी नित्यानंद ने बंद किए कैलाशा के बॉर्डर्स, भक्तों को नहीं मिलेगी आने की अनुमति

दुनियाभर में बढ़ते कोरोना संक्रमण के मद्देनजर स्वामी नित्यानंद ने लोगों से अपने देश कैलाशा नहीं आने को कहा है. वही नित्यानंद पर गुजरात के एक आश्रम में बच्चों के अपहरण का आरोप है।.

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स्वामी नित्यानंद ने दुनिया भर में बढ़ते कोरोना संक्रमण के मद्देनजर लोगों को अपने देश कैलाशा नहीं आने के लिए कहा है. नित्यानंद के ऑफिशल ट्विटर हैंडल ने पोस्ट किया कि भारत के साथ-साथ ब्राजील, यूरोपीय संघ और मलेशिया के लोगों को भी जाने की मनाही है. ट्वीट में आगे लिखा गया है कि कैलाश के अलावा नित्यानंद का आश्रम दुनिया में कहीं भी स्थित है, इसे भी तत्काल प्रभाव से बंद किया जाना चाहिए. वही भक्तों को आश्रमों में जाने की अनुमति नहीं होगी.

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स्वामी नित्यानंद ने 2019 में बनाया कैलाशा

बता दें कि रेप का आरोपी भगोड़ा और स्वयंभू स्वामी नित्यानंद ने 2019 में खुद का देश 'कैलाशा' बसाने का दावा किया था. नित्यानंद यहां आने वाले यात्रियों को मुफ्त वीजा भी मुहैया कराता है. हालांकि नित्यानंद के स्वघोषित देश की सही लोकेशन अभी तक स्पष्ट नहीं है , लेकिन पिछले दिनों नित्यानंद ने यहां आने की जानकारी लोगों को दी थी. नित्यानंद ने बताया कि कैलासा आने के लिए ऑस्ट्रेलिया से फ्लाइट लेनी होगी. नित्यानंद ने कैलासा में अपनी सरकार, मंत्री, मंत्रालय समेत, बैंक, मॉल और अन्य सुविधाओं के होने की भी बात कह चुका है.

स्वामी नित्यानंद पर लगे हैं ये आरोप 

नित्यानंद पर गुजरात के एक आश्रम में बच्चों के अपहरण का आरोप है. इसके साथ ही उस पर बलात्कार और यौन उत्पीड़न का मामला भी दर्ज किया गया है. कर्नाटक में भी बलात्कार और किडनैपिंग का मामला दर्ज है. इसके साथ ही जालसाज़ी और धन के हेरफेर के भी आरोप लगे हुए हैं.

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इस बीच, दिसंबर 2019 में उनके अचानक नित्यानंद के लापता होने की सूचना मिली। गुजरात पुलिस ने अपनी जांच में पाया कि वह देश से फरार हो गया है. इसके बाद, नित्यानंद को दक्षिण अमेरिका के इक्वाडोर में एक आईलैंड खरीदने का दावा किया गया था। उसने इसकी वेबसाइट भी बना ली है. उसकी वेबसाइट में उस आईलैंड को हिंदू राष्ट्र बता रहा है. इसमें उसने लिखा है कि यह एक राजनीतिक देश है और उसका मकसद मानवता का प्रसार है. यह देश हिन्दू धर्म की सभ्यता और संस्कृति के हिसाब से चलेगा.


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