शारदा सिन्हा हम सबके बीच नहीं रही है। उन्होंने एम्स के हॉस्पिटल में अपनी आखिरी सांस ली है। उनका पार्थिव शरीर पटना में ले जाया गया था। आज के दिन गुलबी घाट पर राजकीय सम्मान के साथ उनका अंतिम संस्कार किया गया है। उनकी ये आखिरी इच्छा थी कि जहां पर उनके पति ब्रजकिशोर सिन्हा का अंतिम संस्कार हुआ है वहीं पर उनका अंतिम संस्कार किया जाए। आज वो पंचतत्व में विलीन हो चुकी है। इतना ही नहीं पटना के राजेंद्र नगर स्थित घर से गुलबी घाट तक शारदा का मुक्ति रथ निकाला गया था। उनके दर्शन के लिए कई सारे फैंस उमड़ पड़े थे। उनकी मौत ने हर किसी का दिल दुख दिया।
पीएम मोदी ने शारदा सिन्हा की मौत पर दुख जताते हुए अपने पोस्ट में लिखा था, "सुप्रसिद्ध लोक गायिका शारदा सिन्हा के निधन से अत्यंत दुख हुआ है। उनके गाए मैथिली और भोजपुरी के लोकगीत पिछले कई दशकों से बेहद लोकप्रिय रहे हैं। आस्था के महापर्व छठ से जुड़े उनके सुमधुर गीतों की गूंज भी सदैव बनी रहेगी। उनका जाना संगीत जगत के लिए एक अपूरणीय क्षति है। शोक की इस घड़ी में मेरी संवेदनाएं उनके परिजनों और प्रशंसकों के साथ हैं। ओम शांति!"
कैंसर की बीमारी से जूझ रही थीं शारदा सिन्हा
आपकी जानकारी के लिए बता दें कि शारदा सिन्हा कैंसर की परेशानी से जूझ रही थी। शारदा को 2018 में मल्टीपल मायमोला होने की खबर सामने आई थी। जोकि एक तरह का ब्लड कैंसर है। उन्हें इलाजा के लिए एम्स के हॉस्पिटल में एडमिट करवाया गया था।
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