न्याय के लिए नहीं खानी पड़ेगी दर-दर की ठोकरें, आज से देश भर में लागू हो गए नए कानून

आज से देश में पुलिस-मुकदमा,कोर्ट-कचहरी और न्याय की तस्वीर बदल गई है। आज तीन नए कानून देश भर में लागू किए गए हैं।

प्रतीकात्मक तस्वीर
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आज से देश में पुलिस-मुकदमा,कोर्ट-कचहरी और न्याय की तस्वीर बदल गई है। आज तीन नए कानून देश भर में लागू किए गए हैं। इस तरह से न्याय प्रणाली में बड़ा बदलाव आएगा। इस कानून के बनने से आम लोगों की जिंदगी पर सकारात्मक प्रभाव पड़ेगा। अब कानून व्यवस्था आम लोगों के लिए सुलभ बन जाएगी। इस तरह से देखा जाए, तो ब्रिटिश काल के कानून का अंत हो जाएगा, जिसमें न्याय की जगह दंड को प्राथमिकता दी गई थी। देशभर की कानून व्यवस्था में अब दंड देने की बजाय न्याय पर फोकस किया जाएगा।

जीरो एफआईआर

आज से जो तीन आपराधिक कानून लागू किए हैं, इसमें से एक 'जीरो एफआईआर' शामिल है। इसके तहत व्यक्ति किसी भी पुलिस थाने में अपनी प्राथमिकी दर्ज करा सकता है, भले ही अपराध उसके अधिकार क्षेत्र में ना हुआ हो। इस तरह से कानूनी कार्रवाई शुरू होने में जो देरी होती है वह नहीं होगी मामला तुरंत दर्ज कर लिया जाएगा।

राजद्रोह की जगह आया देशद्रोह

इस नए कानून के तहत अपराधों और आतंकवाद के मामलों को परिभाषित किया गया है। इस तरह से राजद्रोह की जगह पर देशद्रोह लाया गया है। तलाशी और जब्ती की कार्रवाई की वीडियो ग्राफी करना अनिवार्य कर दिया गया है। इसके साथ ही किसी भी नाबालिक से सामूहिक दुष्कर्म के लिए उम्र कैद का प्रावधान जोड़ा गया है।

मॉब लिचिंग के लिए कानून

सूत्रों के मुताबिक, नए कानून के तहत अब व्यक्ति पुलिस थाना गए बिना इलेक्ट्रॉनिक संचार माध्यम से घटनाओं की रिपोर्ट को दर्ज करा सकता है। इस तरह से मामला दर्ज करना आसान और तेज हो जाएगा।

बुजुर्गों के लिए सुविधा

नए कानून के तहत 'गवाह सुरक्षा योजना' लागू किया गया है। इसके तहत गवाहों की सुरक्षा व सहयोग सुनिश्चित की जाएगी। इसके अलावा कानूनी प्रक्रियाओं की विश्वसनीयता को बढ़ाया जाएगा। इतना ही नहीं पीड़िता का बयान पुलिस द्वारा ऑडियो-वीडियो माध्यम के जरिए भी दर्ज किया जा सकेगा। बता दें कि, महिलाओं, 60 वर्ष के आयु से अधिक लोगों तथा दिव्यांग जो गंभीर बीमारी से पीड़ित है ऐसे लोगों को थाने जाने में छूट दी जाएगी।

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