16 सोमवार व्रत भगवान शिव और माता पार्वती को समर्पित एक पारंपरिक व्रत है। यह व्रत लगातार 16 सोमवार तक रखा जाता है। मान्यता है कि इस व्रत को पूरी श्रद्धा और नियम से करने से सुहाग की रक्षा होती है, संतान की प्राप्ति होती है, रोग और कष्ट दूर होते हैं और मनोकामनाएं पूरी होती हैं।
व्रत के दिन सुबह स्नान के बाद शिवलिंग पर जल, दूध, बेलपत्र, धतूरा आदि चढ़ाए जाते हैं, शिव आरती की जाती है और एक समय फलाहार किया जाता है।
1. सुबह जल्दी उठकर स्नान करें।
2. शिव मंदिर जाकर या घर पर ही शिवलिंग की पूजा करें।
3. शिव को जल, दूध, बेलपत्र, धतूरा, अक्षत, चंदन आदि अर्पित करें।
4. शिव चालीसा या शिव आरती का पाठ करें।
5. एक समय फलाहार करें, नमक का सेवन न करें।
6. सूर्यास्त के बाद व्रत खोलें।
7. इस प्रक्रिया को लगातार 16 सोमवार तक दोहराएं।
- सुहाग की रक्षा: पार्वती ने शिव से सुहाग की रक्षा के लिए यह व्रत किया था।
- संतान प्राप्ति: संतान की इच्छा रखने वाले लोग भी यह व्रत रखते हैं।
- मनोकामना पूर्ति: सभी प्रकार के कष्टों से मुक्ति मिलती है।
“शुभ 16 सोमवार व्रत! भगवान शिव आपकी सभी मनोकामनाएं पूरी करें। 🙏
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