बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना को 2024 के छात्र-नेतृत्व वाले विद्रोह में उनकी भूमिका के लिए अंतर्राष्ट्रीय अपराध न्यायाधिकरण (आईसीटी) ने मौत की सजा सुनाई है।

न्यायाधिकरण ने उन्हें मानवता के विरुद्ध अपराधों का दोषी पाया, जिसमें प्रदर्शनकारियों पर घातक कार्रवाई का आदेश देना भी शामिल है, जिसके परिणामस्वरूप 1,400 से अधिक लोग मारे गए

न्यायाधिकरण ने उन्हें प्रदर्शनकारियों पर घातक कार्रवाई का आदेश देने का दोषी पाया, जिसके परिणामस्वरूप 1,400 से अधिक लोग मारे गए।

भारत में निर्वासन: विरोध प्रदर्शनों के बीच बांग्लादेश से भागने के बाद शेख हसीना अगस्त 2024 से भारत में निर्वासन में रह रही हैं।

इस फैसले से बांग्लादेश में तनाव पैदा हो गया है और शेख हसीना की अवामी लीग पार्टी के समर्थकों ने विरोध प्रदर्शन का आह्वान किया है।

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