बृहस्पतिवार (गुरुवार) हिंदू धर्म में अत्यंत शुभ दिन है, जो भगवान विष्णु और देव गुरु बृहस्पति को समर्पित है।
बृहस्पति ग्रह नवग्रहों में सबसे शक्तिशाली माना जाता है, जो ज्ञान, बुद्धि, धन-वैभव, यश, संतान और वैवाहिक सुख का प्रतीक है।
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, इस दिन व्रत, पूजा और कथा से जीवन के सभी कष्ट दूर होते हैं। सप्ताह का यह दिन विशेष रूप से महिलाओं के लिए महत्वपूर्ण है, क्योंकि यह विवाह बाधाएं, आर्थिक संकट और ग्रह दोष निवारण के लिए फलदायी है।
बृहस्पति देवता देवताओं के गुरु हैं। इस दिन उनकी कृपा से विद्या, बुद्धि और शक्ति प्राप्त होती है। कुंडली में बृहस्पति दोष (जैसे विवाह में बाधा, आर्थिक हानि) होने पर यह व्रत विशेष लाभ देता है। यह व्रत सुख-समृद्धि, मान-सम्मान और पुत्र-पौत्र प्रदान करता है।
बृहस्पति ग्रह धन, वैभव और वैवाहिक जीवन का कारक है। व्रत से ग्रह पीड़ा दूर होती है, जीवन में स्थिरता आती है।
यह दिन दान-पुण्य के लिए उत्तम है। पीले वस्त्र, पीले फल और चने की दाल से पूजा करने से घर में सुख-शांति बनी रहती है।
व्रत से धन, संतान, वैवाहिक सुख मिलता है। बृहस्पति दोष नष्ट होता है।
बृहस्पतिवार का व्रत जीवन बदल देता है!
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