भगवान महावीर स्वामी के बारे में कुछ खास बातें

महावीर स्वामी जैन धर्म के 24वें तीर्थंकर थे, और उनका जन्म 599 ईसा पूर्व हुआ था।

महावीर स्वामी ने 30 वर्ष की आयु में सभी सांसारिक सुखों और राजमहल का त्याग कर संन्यास ग्रहण कर लिया था।

महावीर स्वामी की मृत्यु कार्तिक अमावस्या के दिन पावापुरी में हुई थी, जहाँ उन्हें निर्वाण प्राप्त हुआ।

गौतम बुद्ध और महावीर स्वामी दोनों ही अपने समय के महान आध्यात्मिक गुरु थे जिन्होंने आत्मज्ञान और आत्म-अनुशासन पर जोर दिया लेकिन दोनों के विचार अलग थे।

महावीर स्वामी सत्य, अहिंसा, अचौर्य, अपरिग्रह और ब्रह्मचर्य के उपदेशों का पालन करते थे, वहीं गौतम बुद्ध अहिंसा और करुणा के उपदेशों पर बल देते थे।

भगवान महावीर के उपदेश संपूर्ण भारत में फैले हैं, विशेष रूप से पश्चिम भारत के गुजरात, राजस्थान, कर्नाटक आदि राज्यों में, जहां लोगों ने जैन धर्म अपनाया है।

भारत में भगवान महावीर स्वामी की सबसे बड़ी मूर्ति बाड़मेर राजस्थान में स्थित है।

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