इंश्योरेंस के लिए अहम जानकारी है जरूरी, देने होंगे ये दस्तावेज

इंश्योरेंस रेगुलेटरी एंड डेवलपमेंट अथॉरिटी ऑफ इंडिया (IRDAI) 1 नवंबर से इंश्योरेंस कंपनियों के लिए KYC डिटेल्स को अनिवार्य बनाने की योजना बना रहा है.

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इंश्योरेंस रेगुलेटरी एंड डेवलपमेंट अथॉरिटी ऑफ इंडिया (IRDAI) 1 नवंबर से इंश्योरेंस कंपनियों के लिए KYC डिटेल्स को अनिवार्य बनाने की योजना बना रहा है. आपको बता दें कि IRDAI के इस प्रस्ताव से क्लेम प्रोसेस में आने वाली दिक्कतें कम होंगी.

केवाईसी विवरण अनिवार्य

वास्तव में, वर्तमान में गैर-जीवन बीमा पॉलिसी खरीदते समय केवाईसी विवरण प्रदान करना स्वैच्छिक है. हालांकि, 1 लाख रुपये या उससे अधिक के बीमा दावों के लिए केवाईसी दस्तावेज जैसे पता और पहचान प्रमाण अनिवार्य है. लेकिन अब, नए नियम के अनुसार, नियामक पॉलिसी खरीदते समय केवाईसी विवरण अनिवार्य करने की योजना बना रहा है. आपको बता दें कि केवाईसी से जुड़े ये नियम नए और मौजूदा दोनों ग्राहकों के लिए अनिवार्य होंगे.

बीमा सुगम पोर्टल

IRDAI के इस नए फैसले से आपको कई फायदे होंगे. केवाईसी प्रक्रिया के माध्यम से केंद्रीकृत नीति डेटाबेस का लाभ उठाया जाएगा और बीमा सुगम पोर्टल पर नीति रिकॉर्ड बनाए रखने में मदद मिलेगी. दरअसल, इस पोर्टल पर पॉलिसीधारक ई-बीमा खाता बना सकेंगे, जहां वे अपनी पॉलिसी से संबंधित विवरण देख सकेंगे, साथ ही बीमा क्लेम भी आसानी से कर सकेंगे. इससे आपकी विस्तृत जानकारी भी विभाग के पास सेव हो जाएगी.

बीमा राशि का भुगतान

सिक्योर नाउ के निदेशक अभिषेक बोंडिया ने कहा, “मौजूदा पॉलिसीधारकों को निर्धारित अवधि के भीतर केवाईसी प्रक्रिया पूरी करनी होगी। यह अवधि कम जोखिम वाले ग्राहकों के लिए दो वर्ष और उच्च जोखिम वाले ग्राहकों के लिए एक वर्ष की होगी. दरअसल, केवाईसी होने से यह सुनिश्चित हो जाएगा कि बीमा राशि का भुगतान किसी तीसरे पक्ष को नहीं किया गया है. सभी भुगतान पॉलिसीधारकों के नामांकित और कानूनी वारिसों को किए जाने चाहिए. यानी इससे विभाग और ग्राहक दोनों को फायदा होगा.

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