आईआईटी प्रोफेसर ने कोरोना की चौथी लहर को लेकर जताया ये अंदेशा, चीन को लेकर खोले कई राज

आईआईटी कानपुर में सीनियर प्रोफेसर मणिंद्र अग्रेवाल ने कहा कि जैसे ही चीन की ज्यादातर आबादी में कोविड के खिलाफ नेचुरल इम्यूनिटी आ जाएगी, वहीं हालात सुधरने लगेंगे।

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कोरोना के फिर से मामले बढ़ते ही जा रहे हैं। लोग इस बात को लेकर परेशान है कि क्या भारत में भी कोरोना की चौथी लहर आने वाली है। ओमिक्रॉन का बीएफ 7 वैरिएंट के केस भारत में मिलनेके बाद यह चर्चा और तेज हो गई है। इस पूरे मामले को लेकर स्वास्थ्य मंत्रालय से जुड़े सूत्रों का ये कहना है कि भारत में जनवरी महीने के अंदर कोरोना के केस बढ़ सकते। आने वाले 40 से 45 दिन काफी जरूरी रहने वाले हैं। एक्सपर्ट्स का इस मामले में कहना है कि जब भी चीन में कोरोना की लहर आई है, उसके करीब 40 दिन के बाद भारत में इसका असर देखने को मिली है। 


आईआईटी कोरोना मॉडल देने वाले प्रोफेसर मणिंद अग्रवाल ने भारत में कोरोना की आने वाली नई लहर को लेकर सवाल पर बड़ी बात कही है। उनका ये कहना है कि अगले कुछ दिन कठिन हो सकते है। लेकिन भारत में चिंता होने का कोई कारण मुझे दिखाई नहीं दे रहा है। उनका ये कहना है कि चीन में जब तक 90 पर्सेंट आबादी कोरोना की चपेट में नहीं आ जाएगी तब तक ये मामले बढ़ते ही रहेंगे। इतना ही नहीं अक्टूब महीने के अंत तक चीन की कुल आबादी की 5 प्रतिशत लोगों में भी नेचुरल इम्यूनिटी नहीं बनी थी, जबकि नवंबर अंत तक भी ये आंकड़ा 20 फीसदी के नीचे रहा जिसके कारण कोरोना का यह वैरिएंट चीन में बहुत तेजी से फैल रहा है। उन्होंने ये भी कहा कि अभी भी चीन की 60 पर्सेंट लोगों में इम्यूनिटी नहीं बन पाई है।


इसके अलावा आईआईटी कानपुर में सीनियर प्रोफेसर मणिंद्र अग्रेवाल ने कहा कि जैसे ही चीन की ज्यादातर आबादी में कोविड के खिलाफ नेचुरल इम्यूनिटी आ जाएगी, वहीं हालात सुधरने लगेंगे। भारत औऱ अन्य देशों में ओमिक्रॉन लहर का विस्तार से विश्लेषण करें तो इससे यही पता चलता है कि नेचुरल इम्यूनिटी कोविड-19 से बचाव का सबसे कारगर हथियार है।

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