ब्लैक होल की खोज करने वाले इन वैज्ञानिकों को दिया जाएगा नोबेल पुरस्कार, जानिए इनका बैकग्राउंड!

नोबेल पुरस्कार भौतिकी, रसायन विज्ञान, भौतिक विज्ञान या चिकित्सा, साहित्य और शांति के क्षेत्रों में अतुल्य योगदान के लिए दिया जाता है।

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नोबल पुरस्कार बहुत ही सम्मान का पुरस्कार माना जाता है। नोबेल पुरस्कार भौतिकी, रसायन विज्ञान, भौतिक विज्ञान या चिकित्सा, साहित्य और शांति के क्षेत्रों में अतुल्य योगदान के लिए दिया जाता है। उसी कड़ी में साल 2020 में भौतिक विज्ञान के क्षेत्र में नोबेल पुरस्कार मिलने वाले नामों का एलान कर दिया गया है। इस साल नोबेल पुरस्कार मिलने वाले विजेताओं का नाम रोजन पेनरोज, रेनहार्ड गेंजेल और एंड्रिया गेज है। आपको बता दें कि इन तीनों वैज्ञानिकों को ब्लैक होल की खोज की खोज करने के लिए ये पुरस्कार दिया जा रहा है। क्योंकि ये पुरस्कार तीनों को दिया जा रहा है इसलिए इसकी राशि में से आधा हिस्सा पेनरोज को दिया जाएगा और बाकी आधे हिस्से को दो हिस्सों में बांटा जायेगा जो रेनहार्ड और एंड्रिया को दिया जायेगा।


1: रोजर पेनरोज

रोजर पेनरोज का जन्म 1931 में हुआ था। बचपन से ही पढाई में तेज़ और होनहार पेनरोज ने  कैंब्रिज विश्वविद्यालय से 1957 में अपनी पीएचडी पूरी की और उसके बाद ऑक्सफोर्ड विवि में प्रोफेसर बन पढ़ाने लगे। लेकिन उन्हें अपने जीवन में साधारण तरह से नहीं रहना था इसलिए वो खोज में लग गए और जनवरी 1965 में उन्होंने ये साबित कर दिया कि ब्लैक होल का निर्माण संभव है। उन्होंने ये भी बताया कि ब्लैक होल में सिंगुलैरिटी भी छिपी होती है। ब्लैकहोल के मामले में  प्रकृति के सभी नियम खत्म हो जाते हैंऔर ब्लैक होल उसके आसपास आई हर चीज को निगलने की क्षमता रखता है। इनमें रौशनी भी होती है। पेनरोज ने इस बात की जानकारी अल्बर्ट आइंस्टीन की मृत्यु के 10 वर्ष बाद दी थी। पेनरोज ने मेथेमेटिकल मॉडल के जरिए यह बताया कि ब्लैक होल इसी सिद्धांत कारण होता हैं। इस क्षेत्र में सबसे बड़ी उपलब्धि हांसिल करने वाले आइंस्टीन को भी इस बात पर यकीन नहीं था कि ब्लैक होल होते हैं।


2: रेनहार्ड गेंजल

रेनहार्ड गेंजल का जन्म सन 1952 में जर्मनी में हुआ था। गेंजल ने बॉन विश्व विद्यालय से 1978 में पीएचडी की उसके बाद कैलिफोर्निया यूनिवर्सिटी में प्रोफेसर बन बच्चों को पढ़ाने लगे। फिर इनके द्वारा खगोलविज्ञानियों की टीम का नेतृत्व किया गया और 1990 में अंतरिक्ष में मौजूद ‘सैगेटेरियस-ए’ नाम के स्थान की पड़ताल करवाई। बता दें कि यह स्थान अंतरिक्ष के बीच में स्थित है। इसके बाद टीम ने अंतरिक्ष में मौजूद चमकीले तारों के परिक्रमा करने वाले  मार्ग का विश्लेषण किया। लम्बे समय की जांच के बाद टीमों द्वारा निष्कर्ष निकाला गया कि एक ऐसी न दिखने वाली बड़ी चीज़ है जो तारों को तेजी से अपनी ओर आकर्षित कर खींचती है। कई जतन के बाद उन्होंने इस बात की पुष्टि की कि यह वस्तु आकाश गंगा के केंद्र में मौजूद ब्लैक होल ही है।


3: एंड्रिया गेज 

एंड्रिया गेज का जन्म 1965 में हुआ था। उसके बाद एंड्रिया ने कैलिफोर्निया टेक्निकल इंस्टिट्यूट से 1992 में पीएचडी की और वहीं प्रोफेसर बन गयीं और पढ़ाना शुरू कर दिया। फिर इनके द्वारा खगोलविज्ञानियों की टीम का नेतृत्व किया गया और 1990 में अंतरिक्ष में मौजूद ‘सैगेटेरियस-ए’ नाम के स्थान की पड़ताल करवाई। बता दें कि यह स्थान अंतरिक्ष के बीच में स्थित है। इसके बाद टीम ने अंतरिक्ष में मौजूद चमकीले तारों के परिक्रमा करने वाले  मार्ग का विश्लेषण किया। लम्बे समय की जांच के बाद टीमों द्वारा निष्कर्ष निकाला गया कि एक ऐसी न दिखने वाली बड़ी चीज़ है जो तारों को तेजी से अपनी ओर आकर्षित कर खींचती है। कई जतन के बाद उन्होंने इस बात की पुष्टि की कि यह वस्तु आकाश गंगा के केंद्र में मौजूद ब्लैक होल ही है।


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