ओडिशा ट्रेन हादसे को लेकर खड़े हुए सवाल, तकनीकी खराबी में मानवीय भूल या साजिश

ओडिशा के बालासोर में कोरोमंडल एक्सप्रेस और बेंगलुरु-हावड़ा एक्सप्रेस पटरी से उतर गई और एक मालगाड़ी से टकरा गई.

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ओडिशा के बालासोर में कोरोमंडल एक्सप्रेस और बेंगलुरु-हावड़ा एक्सप्रेस पटरी से उतर गई और एक मालगाड़ी से टकरा गई. इस ट्रेन हादसे में अब तक 230 से ज्यादा लोगों की जान चली गई और 900 से ज्यादा यात्री घायल हो गए. इस ट्रेन हादसे की वजह क्या है ये अभी साफ नहीं हो पाया है. जांच कमेटी का गठन किया गया है. हादसा है या साजिश?

रेल सुरक्षा आयुक्त

रेल मंत्री से जब यह पूछा गया कि आखिर इस भीषण ट्रेन हादसे की वजह क्या है? उन्होंने कहा कि इसकी जांच के लिए एक उच्च स्तरीय जांच दल का गठन किया गया है. इसके बाद रेलवे ने ओडिशा में हुए भीषण रेल हादसे की उच्च स्तरीय जांच शुरू कर दी है. जिसकी अध्यक्षता रेल सुरक्षा आयुक्त दक्षिण-पूर्वी सर्किल एएम चौधरी कर रहे हैं. रेल सुरक्षा आयुक्त नागरिक उड्डयन मंत्रालय के तहत काम करता है और ऐसे सभी हादसों की जांच करता है.

हादसे के दो कारण

भारत का रेल नेटवर्क दुनिया के सबसे बड़े रेल नेटवर्क में से एक है. इसके संचालन में हाईटेक तकनीक का इस्तेमाल किया जा रहा है, फिर भी एक ही समय में एक ही ट्रैक पर दो ट्रेनें कैसे आ जाती हैं. जानकारों का कहना है कि इसके दो कारण हो सकते हैं. एक मानसिक भूल और दूसरी तकनीकी खराबी। ओडिशा में हुए भीषण ट्रेन हादसे को फिलहाल तकनीकी खराबी माना जा रहा है.

हादसे में तकनीकी खराबी

ओडिशा में ट्रेन हादसे में तकनीकी खराबी के कारण नहीं सुधरेंगे ट्रैक कहीं-कहीं यह काम मैनुअली भी होता है. हालांकि कंट्रोल रूम में डिस्प्ले में सबकुछ दिख रहा है. कौन सी ट्रेन किस ट्रैक से गुजर रही है? अगर किसी ट्रैक पर ट्रेन चल रही है तो डिस्प्ले पर लाल बत्ती दिखाई देगी. हरी बत्ती खाली ट्रैक के लिए दिखाई देती है. हो सकता है इसका सही संकेत दिखाई न दे रहा हो. जिसकी वजह से यह हादसा हुआ होगा.

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