मैनपुरी में चल गया SP का पुराना फॉर्मूला तो BJP की बढ़ेगी मुश्किल!

समाजवादी पार्टी मुलायम सिंह की विरासत को बचाने की कोशिश में जुटी हुई है तो वहीं दूसरी भारतीय जनता पार्टी भी पूरे दमखम के साथ इस सीट पर कब्जा जमाने की कोशिश कर रही है.

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उत्तर प्रदेश के मैनपुरी लोकसभा सीट पर 5 दिसंबर को होने वाले उपचुनाव के लिए आज प्रचार-प्रसार का आखिरी दिन है. एक तरफ समाजवादी पार्टी मुलायम सिंह की विरासत को बचाने की कोशिश में जुटी हुई है तो वहीं दूसरी भारतीय जनता पार्टी भी पूरे दमखम के साथ इस सीट पर कब्जा जमाने की कोशिश कर रही है. दोनों पार्टियां इस सीट को जीत का दावा कर रही हैं. लेकिन सपा सुप्रीमों अखिलेश यादव और पार्टी की प्रत्याशी डिंपल यादव को अपने पुराने फार्मूले से इस सीट पर जीत का भरोसा है. हालांकि इस सीट पर कौन जीत हासिल करता है इसका पता 8 दिसंबर को नतीजे आने के बाद ही पता चल पाएगा. 

सपा का रहा है मुस्लिम-यादव फॉर्मूला 

मैनपुरी की लोकसभा सीट पर समाजवादी पार्टी लंबे समय काबिज है. सपा अपने पुराने  मुस्लिम-यादव फॉर्मूले पर अभी तक जीत दर्ज करती हुई आई है. अगर इस बार भी सपा का फॉर्मूला कामयाब रहा तो बीजेपी को हार का सामना करना पड़ सकता है. बता दें कि मैनपुरी सीट पर यादव और मुस्लिम वोटर्स की संख्या अच्छी है ,इसलिए सपा लंबे समय से इस सीट पर काबिज है. 

मैनपुरी में इसबार दलित वोटर्स की होगी अहम भूमिका

मैनपुरी  सीट पर उपचुनाव में इस बार कांग्रेस और बहुजन समाज पार्टी ने अपने उम्मीदवार नहीं उतारे हैं. इस वजह से सीधी टक्कर बीजेपी और सपा के बीच हैं और दोनों पार्टियां दलित वोटर्स को साधने में लगी हुई हैं. मैनपुरी में बसपा का औसत वोट करीब 16 फीसदी रहा है. मगर एक बार भी चुनाव नहीं जीत सकी है, लेकिन इस बार के  उपचुनाव में बसपा के नहीं होने से ये वोट काफी अहम हो गया है. दलित वोटर्स ( की बात करें तो मैनपुरी में इनकी संख्या करीब 2 लाख है, जिनमें से 1.2 लाख मतदाता जाटव समाज से हैं. वहीं, कटारिया समाज के करीब 60 हजार मतदाता हैं और अन्य दलित मतदाताओं की संख्या 20 हजार है.

मैनपुरी में करीब सवा चार लाख यादव वोटर्स 

रिपोर्ट्स के अनुसार, मैनपुरी लोकसभा सीट पर कुल 18 के लाख  लगभग वोटर्स हैं. जिनमें सबसे ज्यादा यादल जाति के हैं. यादव वोटर्स की संख्या करीब 4.25 लाख है, जबकि मुस्लिम वोटर्स की संख्या करीब 1 लाख है. इन वोटर्स का झुकाव समाजवादी पार्टी (SP) की तरफ हमेशा से रहा है और इस बार भी यह फॉर्मूला कामयाब रहा तो डिंपल यादव एक बार फिर लोकसभा पहुंच सकती हैं.

5 दिसंबर को वोटिंग और 8 दिसंबर को नतीजे 

बता दें कि  मैनपुरी लोकसभा सीट पर होने वाले उपचुनाव के लिए मतदान 5 दिसंबर को होगा और वोटों की गिनती 8 दिसंबर को होगी. इस सीट पर डिंपल यादव के खिलाफ भारतीय जनता पार्टी ने रघुराज सिंह शाक्य को उम्मीदवार बनाया है.






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