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शहीद भगत सिंह के इन 10 अनमोल विचारों ने बदल डाली थी हिंदुस्तान की तस्वीर

भारत को आजाद कराने में कई वीर सपूतों ने अपने प्राणों को न्यौछावर कर दिया था. वही उनके इस त्याग के कारण ही देश अंग्रेजों की गुलामी से आजाद हो सका.ऐसे में आज हम आपके लिए लाएं है शहीद भगत सिंह के 10 अनमोल विचार जिससे देखकर और पढ़कर उनको अपनी लाइफ में प्रेरणा

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By Asna | खबरें - 23 March 2021

भारत को आजाद कराने में कई वीर सपूतों ने अपने प्राणों को न्यौछावर कर दिया था. वही उनके इस त्याग के कारण ही देश अंग्रेजों की गुलामी से आजाद हो सका. 23 मार्च 1931 की रात को भगत सिंह को ब्रिटिश सरकार ने लाहौर में सुखदेव और राजगुरु के साथ साजिश रचने के आरोप में फांसी पर लटका दिया गया था. यही नहीं 23 मार्च की तारीख हमेशा के लिए इतिहास के पन्नों में दर्ज हो गई. इसके बाद से हर साल 23 मार्च को देशभर में शहीद दिवस के रूप में मनाया जाने लगा. आपको बता दें कि शहीद भगत सिंह का जन्म पंजाब प्रांत के लायपुर जिले के बगा में 28 सितंबर 1907 को हुआ था. 1922 में चौरी चौरा की घटना के बाद जब महात्मा गांधी ने असहयोग आंदोलन की समाप्ति की घोषणा की तोभगत सिंह देश के सबसे बड़े क्रांतिकारी अहिंसक विचारधारा से मोहभंग हो गए. फिर उन्होंने 1926 में देश की स्वतंत्रता के लिए नौजवान भारत सभा की स्थापना की. यहीं नहीं आज भी भगत सिंह के विचारों को सभी सुनना और उनसे प्रेरणा लेकर आगे बढ़ता है. ऐसे में आज हम आपके लिए लाएं  है शहीद भगत सिंह के 10 अनमोल विचार जिससे देखकर और पढ़कर उनको अपनी लाइफ में प्रेरणा बना लेगें.

 शहीद दिवस के दिन पढ़ें देशभक्ति से भरपूर शहीद भगत सिंह के कुछ क्रांतिकारी विचार-

1. किसी भी इंसान को मारना आसान है, परन्तु उसके विचारों को नहीं। महान साम्राज्य टूट जाते है, तबाह हो जाते है जबकि उनके विचार बच जाते हैं.

2. कानून की पवित्रता तभी तक बनी रह सकती है जब तक की वो लोगों की इच्छा की  अभिव्यक्ति करें.

3. क्रान्तिकारी सोच को दो आवश्यक लक्षण है- बे रहम निंदातथा स्वतंत्र सोच.

4. सीने पर जो जख्म है,सब फूलों के गुच्छे हैं, हमें पागल  ही रहने दो, हम पागल ही अच्छे हैं.

5. इंसान का कर्तव्य है कि वह कर्म और प्रयास करें जबकि सफलता वातावरण और मौके पर निर्भर करती हैं.

6. बुराई इसलिए नहीं बढ़ रही है कि बुरे लोग बढ़ गए है बल्कि बुराई इसलिए बढ़ रही है क्योंकि बुराई सहन करने वाले लोग बढ़ गये हैं.

7. राख का हर एक कण मेरी गर्मी से गतिमान है मैं एक ऐसा पागल हूं जो जेल में भी आजाद हैं।

8. वे मुझे कत्ल कर सकते हैं, मेरे विचारों को नहीं. वे मेरे शरीर को कुचल सकते हैं लेकिन मेरे जज्बे को नहीं.

9, व्‍यक्तियों को कुचलकर भी आप उनके विचार नहीं मार सकते हैं.

10. अगर बहरे को अपनी आवाज सुनानी है तो आवाज को जोरदार होनाहोगा. जब हमने बम फेंका तो हमारा उद्देश्य किसी को हानि पहुंचाना नहीं था। हमने ब्रिटिश शासन पर बमबारी की. अंग्रेजों को भारत छोड़ना चाहिए और इसे आजाद करना चाहिए.'

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