HSV-1 गर्भावस्था में भ्रूण के मस्तिष्क पर डालता है प्रभाव, उम्र के साथ बढ़ता है खतरा

एचएसवी -1 बहुत ही प्रचलित रोगज़नक़ है जो आपको पूरे जीवनभर कई समस्याओं का सामना करना पड़ता है जैसे कि सीखने में दिक्कत होना, संज्ञानात्मक शिथिलता आदि।

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दुनिया में कई तरह की बीमारियां होती हैं। कुछ के बारे में हमें जानकारी होती है कुछ के बारे में नहीं। कूच तो ऐसी होती हैं जिनके बारे में हमें बहुत देर से पता चल पाता है। उन्हीं में से एक है तीन सेल वाला एचएसवी-1 इन्फ़ेक्शन, जो प्रेग्नन्सी के दौरान बच्चे के दिमाग़ पर प्रभाव डाल सकती है। उसके बाद जैसे जैसे उम्र बढ़ती है कई प्रकार कि न्यूरोडेवलपमेनटल जैसी कई तरह की दिमाग़ी बीमारियां विकसित होती हैं जिसका उम्र के साथ ही पता चलता है।

एचएसवी -1 बहुत ही प्रचलित रोगज़नक़ है जो आपको पूरे जीवनभर कई समस्याओं का सामना करना पड़ता है जैसे कि सीखने में दिक्कत होना, संज्ञानात्मक शिथिलता आदि।

चीन में स्थित वुहान शहर की एक लैब में शोध किया गया और उस  शोध के आधार पर लेखकों का कहना है  कि " बच्चे के दिमाग के विकास में HSV-1 की क्या भूमिका होती है इसको समझने में बच्चे के दिमाग में ऊतकों का अध्ययन किया गया।" 

इस अंतर को समझने के लिए, शोधकर्ताओं द्वारा तीन सेल आधारित न्यूरोडेवलपमेंटल डिसऑर्डर के मॉडल को तैयार किया गया, जिसमें सेल्स की 2 डी परत के अलावा 3 डी मस्तिष्क जैसी दिखने वाली रचना भी है। इस मॉडल को प्लूरिपोटेंट स्टेम सेल के आधार पर बनाया गया है।

शोधकर्ताओं के मुताबिक, hiPSCs के अंदर से निकाली जाने वाली न्यूरल स्टेम सेल्स में होने वाले HSV-1 के संक्रमण के परिणामस्वरूप कैस्पेज़ -3 एपोप्टोटिक मार्ग सक्रीय हुआ।इन सबके अलावा, HSV -1 संक्रमित दिमाग बच्चे के मस्तिष्क में न्यूरोडेवलपमेंटल बिमारियों की पैथोलॉजिकल समस्यायों और अच्छाइयों दोनों की नकल की जाती है, जिसमें दिमाग की रचना में न्यूरोनल भेदभाव आदि शामिल हैं।

इसके अलावा इस 3 डी मॉडल से ये भी पता चला कि HSV -1 संक्रमण असामान्य प्रसार और माइक्रोग्लिया नामक गैर-न्यूरोनल सैल्स के सक्रियण को बढ़ावा देता है, साथ ही टीएनएफ-A, आईएल, आईएल -10 और आईएल -6 जैसे अणुओं के सक्रीय होने से होता है। न्यूरोडेवलपमेंटल बीमारियों के लिए आप डॉक्टरों से परामर्श कर सकते हैं।


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