Video: साकेत कोर्ट में गोली चलाने वाला शख्स सस्पेंडेड वकील, महिला पर दर्ज हैं धोखा धड़ी के मामले

DCP (साउथ) चंदन चौधरी ने इस मामले पर जानकारी देते हुए बताया कि, दिसंबर में FIR दर्ज़ हुई थी जिसमें आज की घटना की पीड़िता आरोपी है. महिला ने पैसों को दोगुना करने के वादे से एक व्यक्ति(गोली मारने वाला) से पैसे लिए थे, उसी मामले को लेकर ये दोनों कोर्ट आए थे.

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दिल्ली के साकेत कोर्ट परिसर में शुक्रवार यानी की आज महिला को गोली मारने वाला व्यक्ति महिला का पति नहीं बल्कि एक सस्पेंडेड वकील है. महिला ने पैसे दो गुना करने के नाम पर इस वकील से पैसा ली थी. उसी मामले को लेकर दोनों कोर्ट आए थे. महिला पर पहले से धोखा धड़ी के कई मामले दर्ज हैं. गोली चलाने वाला व्यक्ति साकेत कोर्ट में काफी समय से वकील था. उसका नाम कामेंश्वर कुमार सिंह है. जो कि अब सस्पेंड है. घटना के वक्त वह वकील के ही ड्रेस में था.

महिला पर धोखाधड़ी के कई मामले

DCP (साउथ) चंदन चौधरी ने इस मामले पर जानकारी देते हुए बताया कि, दिसंबर में FIR दर्ज हुई थी जिसमें आज की घटना की पीड़िता आरोपी है. महिला ने पैसों को दोगुना करने के वादे से एक व्यक्ति (गोली मारने वाला) से पैसे लिए थे, उसी मामले को लेकर ये दोनों कोर्ट आए थे. इस महिला पर धोखाधड़ी के और भी मामले चल रहे हैं. पुरुष यहां काफी समय से वकील था और वह घटना के समय अपनी यूनिफॉर्म में था.

महिला को लगी 3 गोली

DCP ने आगे कहा कि, इसने 4 राउंड फायर की जिसमें 3 गोली महिला को और एक मुंशी को लगी है. दोनों की हालत स्थिर है और दोनों को अस्पताल से छुट्टी मिल गई है. दिल्ली पुलिस की सुरक्षा व्यवस्था में चूक नहीं है. रोज़ आने वाले वकीलों को हमारे सुरक्षा कर्मी पहचानते हैं इसलिए उनको जाने देते हैं. हालांकि हम इस को मजबूत करेंगे.

हथियार कोर्ट के अंदर कैसे ले गया आरोपित

पुलिस इस बात की जांच कर रही है कि आखिर आरोपित कोर्ट के अंदर हथियार लेकर कैसे पहुंचा. जबकि एंट्री पर सभी की स्कैनर से जांच की जाती है. पुलिस जांच कर रही है कि कहीं ऐसा तो नहीं कि वकील होने का फायदा उठाकर आरोपित ने सुरक्षा जांच ना करवाई हो और सीधे अंदर पहुंच गया.

आप ने LG पर साधा निशाना 

वहीं दिल्ली सीएम अरविंद केजरीवाल ने उपराज्यपाल पर निशाना साधा है. उन्होंने कहा, 'दिल्ली में क़ानून व्यवस्था पूरी तरह से चरमरा गयी है. दूसरों के कामों में अड़चन करने और हर बात पर गंदी राजनीति करने की बजाय सबको अपने अपने काम पर ध्यान देना चाहिये, और अगर नहीं सँभलता तो इस्तीफ़ा दे देना चाहिए ताकि कोई और कर ले. लोगों की सुरक्षा रामभरोसे नहीं छोड़ी जा सकती.'


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