गहलोत के विज्ञापन पर चुनाव आयोग ने चलाया चुनावी डंडा, जानिए कांग्रेस की मिस्ड कॉल वाली गारंटी

चुनाव आयोग ने बीजेपी की ओर से गहलोत सरकार द्वारा दिए गए गारंटी के विज्ञापन पर रोक लगा दी है.

प्रतीकात्मक तस्वीर
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चुनाव आयोग ने बीजेपी की ओर से गहलोत सरकार द्वारा दिए गए गारंटी के विज्ञापन पर रोक लगा दी है. इसे लेकर बीजेपी ने मंगलवार को चुनाव आयोग से शिकायत की थी. इस शिकायत के बाद चुनाव आयोग ने बुधवार को गहलोत सरकार के गारंटी के विज्ञापनों पर रोक लगा दी. चुनाव आयोग ने इन विज्ञापनों को आदर्श आचार संहिता के नियमों के विपरीत बताया है. इस विज्ञापन में अशोक गहलोत की आवाज में आम लोगों से मोबाइल फोन पर गारंटी को लेकर रजिस्ट्रेशन कराने को कहा जा रहा था.

गारंटी के लिए कॉल कर रजिस्ट्रेशन

विधानसभा चुनाव में कांग्रेस 7 गारंटी को लेकर प्रचार कर रही है. इसे लेकर अखबारों में विज्ञापन भी दिये जा रहे हैं. इसके अलावा आम जनता को गारंटी के लिए कॉल कर रजिस्ट्रेशन कराने के लिए कहा जा रहा है. इस शिकायत पर मुख्य निर्वाचन अधिकारी ने राजस्थान कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष और महासचिव को नोटिस जारी किया है.

दलों और प्रत्याशियों को निर्देश

भारत निर्वाचन आयोग ने 24 मार्च 2014 को अपने निर्देशों में दिशानिर्देश जारी किए थे. इसमें कहा गया था कि इलेक्ट्रॉनिक मीडिया पर प्रसारित किए जाने वाले किसी भी विज्ञापन के लिए प्रमाणन समिति से पूर्व अनुमोदन आवश्यक है. इसके लिए सभी राजनीतिक दलों और प्रत्याशियों को निर्देश दिये गये हैं. चुनाव आयोग ने इस विज्ञापन को बिना अनुमति का पाया. साथ ही इन संदेशों के जरिए मतदाताओं को लुभाने की भी कोशिश की जा रही है. जिसे आदर्श आचार संहिता के विपरीत बताया गया है.

आचार संहिता के नियमों का उल्लंघन 

बीजेपी की ओर से चुनाव आयोग से की गई शिकायत के बाद इसकी जांच की गई. जिसमें इस विज्ञापन को आचार संहिता के नियमों का उल्लंघन पाया गया. इसे लेकर चुनाव आयोग ने नोटिस जारी कर दोनों ऑडियो संदेशों के प्रसारण को तत्काल प्रभाव से रोकने का आदेश दिया है और यह भी स्पष्ट करने का आदेश दिया है कि आप ने बिना प्रमाणीकरण के विज्ञापन संदेश प्रसारित कर आदर्श आचार संहिता के प्रावधानों की अवहेलना क्यों की. गया.


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