दक्षिण अफ्रीका से आए 12 चीते, सीएम शिवराज सिंह ने बाड़े में किया रिलीज

भारत में चीतों को फिर बसाने के इतिहास में दूसरा अध्याय आज यानी शनिवार को जुड़ गया है. साउथ अफ्रीका से 12 चीते ग्वालियर लाए गए हैं. इन चीतों को 10 दिन के क्वारंटाइन में रहने के बाद कूनो नेशनल पार्क में छोड़ा जाएगा.

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भारत में चीतों को फिर बसाने के इतिहास में दूसरा अध्याय आज यानी शनिवार को जुड़ गया है. साउथ अफ्रीका से 12 चीते ग्वालियर लाए गए हैं. इन चीतों को 10 दिन के क्वारंटाइन में रहने के बाद कूनो नेशनल पार्क में छोड़ा जाएगा. दक्षिण अफ्रीका से 12 चीतों को लेकर IAF C-17 आज सुबह ग्वालियर में उतरा. जानकारी के लिए बता दें कि इससे 5 महीने पहले नामीबिया से आठ चीतों लाया गया था.

चीतों को लेकर शुक्रवार को दक्षिण अफ्रीका से रवाना हुआ वायुसेना का विशेष विमान आज सुबह 10 बजे ग्वालियर के महाराजपुरा एयर टर्मिनल पर उतरा. इसके बाद यहां से सुबह 11 बजे तीन हेलीकाप्टर चीतों को लेकर कूनो राष्ट्रीय उद्यान पहुंचा. मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कूनो नेशनल पार्क में एक चीते को छोड़ा. इसके साथ ही केंद्रीय वन मंत्री भूपेंद्र सिंह ने भी चीता छोड़ा. वन विभाग के अफसरों ने भी एक के बाद एक चीतों को बाड़े में छोड़ दिया.

शिवराज सिंह ने पीएम मोदी का किया धन्यवाद

शिवराज सिंह चौहान ने कहा, ''महाशिवरात्रि पर फिर मध्य प्रदेश को बहुत बड़ी सौगात मिली है, मैं प्रधानमंत्री का धन्यवाद करता हूं. पहले 8 चीते आए थे और आज फिर से 12 चीते आए हैं. पहले जो चीते आए वे इस वातावरण में पूरी तरह से ढ़ल चुके हैं, वे स्वभाविक रूप से जीवन जी रहे हैं.''सीएम शिवराज सिंह ने आगे कहा कि दक्षिण अफ्रीका से 12 चीतों की दूसरी खेप आने पर CM शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि PM की सोच पर्यावरण को बचाना है जिसमें यह भारत को एक नई दिशा दे रहा है. पर्यावरण बचाने की दृष्टि से यह महत्वपूर्ण है, चीते विलुप्त हो गए थे वे फिर से पुनर्स्थापित हो रहे हैं जो कि इस चीता प्रोजेक्ट से किया जा रहा है. 

हर साल भारत लाए जाएंगे 12 चीते

पिछले महीने भारत और दक्षिण अफ्रीका के बीच चीते दिए जाने को लेकर अनुबंध हुआ था. इसके अनुसार, अब वहां से आठ से 10 वर्षों तक हर साल 12 चीते भारत लाए जाएंगे. पहले चरण में लाए गए आठ चीतों को कूनो राष्ट्रीय उद्यान का माहौल रास आया है. भारतीय वन्य जीव संस्थान (वाइल्ड लाइफ इंस्टीट्यूट) ने भारत में चीता पुनर्स्थापना के लिए देश के 10 क्षेत्रों में सर्वे करने के बाद कूनो राष्ट्रीय उद्यान को चुना था. 


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