आतंकियों ने जम्मू में बम धमाका करने की बड़ी साजिश की थी. पुलिस वालों की सतर्कता के चलते वे अपने मंसूबों में कामयाब नहीं हो पाए. पुलिस ने एक बार फिर जम्मू को दहलाने से और बड़ी घटना से बचा लिया.
जम्मू को दहलाने के लिए आतंकियों की एक बड़ी साजिश को पुलिसवालों ने नाकाम दिया है, आतंकियों ने जम्मू में बम धमाका करने की बड़ी साजिश की थी. पुलिस वालों की सतर्कता के चलते वे अपने मंसूबों में कामयाब नहीं हो पाए. पुलिस ने एक बार फिर जम्मू को दहलाने से और बड़ी घटना से बचा लिया. जानकारी के मुताबिक पुलिस पोस्ट के पास लावारिस हालत में बैग पड़ा था. पुलिस की नजर जब उस बैग पर पड़ी तो उसमें IED विस्फोटक रखा मिला, जिसे देर रात डिफ्यूज कर दिया गया है.
पुलिस पोस्ट से 50 मीटर दूरी पर मिला बैग
जानकारी के मुताबिक IED से भरा बैग पुलिस पोस्ट से करीब 50 मीटर की दूरी पर लावारिस हालत में पड़ा मिला. पुलिस ने आशंका जता रही है कि इस बार आतंकियों ने पोस्ट को निशाना बनाते हुए IED रखा था. जिसे पुलिस बल द्वारा ध्वस्त कर दिया गया. साथ ही कयास लगाए जा रहे हैं कि कोई शख्स इस बैग को यहां पर रख गया या फिर ड्रोन के जरिए इस यहां गिराया गया. समय रहते IED बम को डिस्पोजल स्क्वायड ने बैग के अंदर रखे IED को फौरन डिफ्यूज कर दिया.
जांच के बाद मिले IED
जानकारी के लिए बता दें कि IED बम से भरा यह बैग जम्मू शहर के बाहरी इलाके सतवाड़ी के फलियां मंडल इलाके में मिला, बैग को मिलते ही हड़कंप मच गया. सूचना मिलते ही पुलिस महकमा हरकत में आ गई. जिसके बाद बम निरोधक दस्ते के साथ दूसरी टीमें भी मौके पर पहुंची. बैग में जांच के दौरान दो IED मिले थे, जिन्हें बम डिस्पोजल स्क्वायड द्वारा डिफ्यूज कर दिया गया. पुलिस अभी पूरे मामले की जांच में जुटी है.
पहले भी हो चुकी है इस तरह की घटना
इससे पहले 14 अक्टूबर को जम्मू-कश्मीर में बांदीपोरा रोड के पास अहिस्टिंगो इलाके में एक आईईडी (IED) मिला था. बताया जा रहा था कि आतंकीयों ने सुरक्षा बलों को निशाना बनाते हुए इस आईडी विस्फोटक को प्लांट किया था. वहीं 8 अक्टूबर को जम्मू-कश्मीर के कठूवा में तीन आईईडी और स्टीकी बम बरामद किए गए थे. जम्मू क्षेत्र के अतिरिक्त पुलिस महा निदेशक (एडीजीपी) मुकेश सिंह ने बताया था कि जैश-ए-मोहम्मद (जेएम) के एक आतंकवादी को दो अक्टूबर को कठुआ से गिरफ्तार किया गया था, उसी के खुलासे के बाद यह बरामदगी की गई थी. पुलिस के अनुसार, बिलावर गांव का आतंकवादी जाकिर हुसैन भट उर्फ उमर फारूक विभिन्न सोशल मीडिया ऐप के जरिए पाकिस्तान से सक्रिय जैश-ए-मोहम्मद के साथ संपर्क में था और उसे जम्मू क्षेत्र में हमला करने के लिए आईईडी और स्टिकी (चिपकाने वाले) बमों की एक खेप मिली थी.