नीतीश कुमार के लिए खुले बीजेपी के दरवाजे, तेजस्वी यादव का छोड़ा साथ

बिहार में एक बार फिर सियासी घमासान शुरू हो गया है. एक तरफ जहां राजद जेडीयू के बीच खींचतान चल रही है. वहीं सूत्रों से जानकारी मिल रही है कि 28 जनवरी को नीतीश कुमार बीजेपी के सहयोग से बिहार में सरकार बना सकते हैं.

नीतीश कुमार
  • 89
  • 0

बिहार में एक बार फिर सियासी घमासान शुरू हो गया है. एक तरफ जहां राजद-जेडीयू के बीच खींचतान चल रही है. वहीं सूत्रों से जानकारी मिल रही है कि 28 जनवरी को नीतीश कुमार बीजेपी के सहयोग से बिहार में सरकार बना सकते हैं. नीतीश कुमार की नाराजगी इंडिया अलायंस के संयोजक पद को लेकर शुरू हुई. दरअसल, कई महीनों से बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने इंडिया ब्लॉक का चेहरा बनकर इसके संयोजक बनने का लक्ष्य रखा था.

ममता बनर्जी को दिक्कत

माना जा रहा है कि कांग्रेस ने जेडीयू को संकेत दिया है कि नीतीश कुमार को संयोजक बनाए जाने से ममता बनर्जी को दिक्कत हो सकती है. ऐसा लगता है कि इससे नीतीश कुमार इतने चिढ़ गए कि उन्होंने कांग्रेस से कहा कि वे लालू प्रसाद यादव को भी संयोजक चुन सकते हैं और जेडीयू ने नीतीश कुमार को संयोजक बनाने के प्रस्ताव को खारिज कर दिया.

सीट बंटवारे पर बातचीत खत्म 

जेडीयू खेमे का यह भी मानना ​​है कि संयोजक की नियुक्ति के लिए पहले ही काफी देर हो चुकी है और यह अनावश्यक हो गया है, क्योंकि लोकसभा चुनाव से पहले अब तक सीट बंटवारे पर बातचीत खत्म हो जानी चाहिए थी. इस मुद्दे पर अपनी आपत्ति जताते हुए नीतीश कुमार कह रहे हैं कि कांग्रेस ऐसे वक्त में राज्य चुनाव में व्यस्त है, जब भारतीय गठबंधन के घटक दलों को सीट बंटवारे पर बातचीत आगे बढ़ानी चाहिए थी.

नीतीश कुमार की यह भी शिकायत है कि हालांकि उन्होंने ममता बनर्जी और अरविंद केजरीवाल जैसे कठिन सहयोगियों को कांग्रेस के साथ लाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई, लेकिन उन्हें उनका हक नहीं दिया गया। जेडीयू खेमे को लगता है कि राष्ट्रीय भूमिका के लिए जेडीयू की महत्वाकांक्षा उनकी प्राथमिकता है, लेकिन कांग्रेस इसके लिए उत्सुक नहीं है।


RELATED ARTICLE

LEAVE A REPLY

POST COMMENT