Hindi English
Login

जनरल बिपिन रावत की अधूरी रह गई ये ख्वाहिश, चाचा ने बताया-अपने गांव के लेकर क्या चाहते थे CDS

जनरल बिपिन रावत के चाचा भरत सिंह रावत ने ये बताया कि जनरल रावत का अपने गांव और घर से काफी ज्यादा लगाव था और वो अपने पैतृक गांव में एक मकान भी बनाना चाहते थे.

Advertisement
Instafeed.org

By Deepakshi | खबरें - 09 December 2021

बुधवार के दिन तमिलनाडु में एक हेलीकॉप्टर हादसे में जान गंवाने वाले प्रमुख रक्षा अध्यक्ष जनरल बिपिन रावत की जान चले जाने के बाद हर जगह गम का माहौल छाया हुआ है. इसी बीच उत्तराखंड में मौजूद उनके पैतृक गांव के सैणा के रहने वाले चाचा भरत सिंह रावत को इस बात का अफसोस है कि उनके भतीजे की अगले साल अप्रैल में यहां आने और मकान बनाने की ख्वाहिश अधूरी ही रह गई है. दरअसल  पौड़ी जिले के द्वारीखाल प्रखंड के कांडाखाल कस्बे से कुछ ही दूरी पर मौजूद दिवंगत जनरल रावत के इस छोटे से पैतृक सैणा गांव में सिर्फ उनके चाचा का ही परिवार रहता है. गांव में उनके कुल तीन मकान हैं, जिनमें से एक में उनका परिवार रहा करता है, जबकि दो खाली पड़े हैं.

भरत सिंह रावत ने अपनी बात में कहा कि जनरल रावत का अपने गांव और घर से काफी लगाव था. बीच-बीत में वह उनसे फोन पर भी बात किया करते थे.  जनरल रावत ने अपने चाचा को बताया था  कि वह अप्रैल 2022 में फिर से गांव आएंगे. उन्होंने बताया कि प्रमुख रक्षा अध्यक्ष अपने पैतृक गांव में एक मकान भी बनाना चाहते थे. आंसुओं को पोंछते हुए रावत ने कहा कि उन्हें क्या पता था कि उनके भतीजे की हसरतें अधूरी ही रह जाएंगी.

गांव में बिताना चाहते थे कुछ वक्त 

भरत सिंह रावत ने अपनी बात में बताया कि जनरल रावत आखिरी बार अपने गांव थल सेना अध्यक्ष बनने के बाद अप्रैल 2018 में आए थे. जहां वह कुछ समय ठहरकर वह उसी दिन वापस चले गए थे. रावत ने अपनी बात में कहा कि इस दौरान उन्होंने यहां कुलदेवता की पूजा की थी. दिवंगत शीर्ष सैन्य अधिकारी के चाचा ने बताया कि उसी दिन उन्होंने अपनी पैतृक भूमि पर एक मकाने बनाने की सोची थी और ये कहा था कि वह जनवरी में सेवानिवृत होने के बाद यहां मकान बनाएंगे और कुछ वक्त गांव की शांत वादियों में बिताएंगे.

Advertisement
Advertisement
Comments

No comments available.