पैरों की स्किन का बदलता रंग है हाई कोलेस्ट्रॉल का खतरा, जानिए क्या है लक्षण

नए जमाने में लाइफस्टाइल से जुड़ी बीमारियां इतनी तेजी से फैल रही हैं कि इनका इलाज संभव नहीं है. इन्हीं बीमारियों में से एक है कोलेस्ट्रॉल लेवल का बढ़ना.

प्रतीकात्मक तस्वीर
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नए जमाने में लाइफस्टाइल से जुड़ी बीमारियां इतनी तेजी से फैल रही हैं कि इनका इलाज संभव नहीं है. इन्हीं बीमारियों में से एक है कोलेस्ट्रॉल लेवल का बढ़ना. उच्च कोलेस्ट्रॉल हृदय रोग, हाई बीपी, मधुमेह और मोटापे के साथ-साथ कई अन्य बीमारियों का कारण बनता है. ऐसे में स्वास्थ्य विशेषज्ञ हमेशा से ही हाई कोलेस्ट्रॉल को नियंत्रित करने के प्रयासों पर जोर देते रहे हैं. शरीर में कोलेस्ट्रॉल बढ़ने के कई संकेत होते हैं, लेकिन पैरों की त्वचा में बदलाव भी इसका एक निश्चित संकेत है.

पैरों की त्वचा का रंग

जब शरीर में कोलेस्ट्रॉल का स्तर बढ़ जाता है तो पैरों की त्वचा का रंग बदलने लगता है. स्वास्थ्य विशेषज्ञों का कहना है कि जब शरीर में खराब कोलेस्ट्रॉल बढ़ जाता है तो इसका असर शरीर में रक्त संचार पर पड़ता है और पैरों तक ऑक्सीजन ठीक से नहीं पहुंच पाती है. ऐसे में पैरों की त्वचा का रंग बैंगनी या हल्का नीला दिखाई देने लगता है. पैरों में दर्द कोलेस्ट्रॉल बढ़ने का एक आम लक्षण है. जब कोलेस्ट्रॉल बढ़ता है तो रक्त संचार पर्याप्त नहीं हो पाता है और इससे पैरों में दर्द होने लगता है और कभी-कभी पैर सुन्न होने लगते हैं.

शरीर में कोलेस्ट्रॉल बढ़ने का संकेत 

ऐसे में इन लक्षणों को नजरअंदाज करने की बजाय डॉक्टर से जांच करानी चाहिए. अगर आपके तलवे हर मौसम और हर माहौल में ठंडे हो रहे हैं तो यह शरीर में कोलेस्ट्रॉल बढ़ने का संकेत है. हाई कोलेस्ट्रॉल की स्थिति में ऐसा होता है. इसलिए इसे नजरअंदाज करना खतरनाक होगा. अगर आपके पैर में चोट लगी है और उसे ठीक होने में काफी समय लग रहा है तो आपको सावधान हो जाना चाहिए. जब पैरों में कोलेस्ट्रॉल बढ़ने के कारण रक्त संचार ठीक से नहीं होता है तो पैरों में घाव जल्दी ठीक नहीं होते हैं. ऐसी स्थिति में मेडिकल जांच कराना जरूरी है.


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