ट्रेवल और टूरिज्म इंडस्ट्री पर कोरोना का सबसे बड़ा कहर, 5 लाख करोड़ का हुआ नुकसान

कोरोना वायरस का कहर पूरी दुनिया समेत भारत में तेजी के साथ फैला और उसने कई लोगों को अपनी चपेट में लिया। जिसकी वजह से कई देशों की अर्थव्यवस्था ठप पड़ गई और लाखों लोग बेरोजगार हो गए। इसी बीच सबसे ज्यादा जो क्षेत्र प्रभावित हुआ। वह ट्रैवल और टूरिज्म उद्योग था

  • 1386
  • 0

साल 2020 अपने साथ में कई मुसीबत लेकर आया है। जहां एक तरफ कोरोना वायरस का कहर पूरी दुनिया समेत भारत में तेजी के साथ फैला और उसने कई लोगों को अपनी चपेट में लिया। जिसकी वजह से कई देशों की अर्थव्यवस्था ठप पड़ गई और लाखों लोग बेरोजगार हो गए। इसी बीच सबसे ज्यादा जो क्षेत्र प्रभावित हुआ। वह ट्रैवल और टूरिज्म उद्योग था। जिसका खुलासा भारतीय उद्योग की रिपोर्ट में हुआ है। 

रिपोर्ट के मुताबिक इस संकट की वजह से  पर्यटन के क्षेत्र में 5 लाख करोड़ रुपये यानी 65.57 अरब डॉलर के नुकसान का अनुमान जताया गया है। ये आंकड़े बेहद ही चिंताजनक है क्योंकि भारत की पूरी अर्थव्यवस्था में से  6.8 प्रतिशत भाग पर्यटन उद्योग का शामिल है और जो प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के पांच ट्रिलियन अर्थव्यवस्था के सपने पर पानी  फैरता हुआ नजर आ रहा है। रिपोर्ट के मुताबिक भारत में ट्रैवल और टूरिज्म सेक्टर में 83 प्रतिशत खर्च घरेलू स्तर पर होता है, वहीं 17 फीसदी खर्च अंतरराष्ट्रीय स्तर पर होता था। लेकिन कोरोना वायरस ने सभी लोगों को परेशान कर दिया।

कई लोगों को मिला इस इंडस्ट्री में रोजगार

दरअसल फाइनेंशियल सर्विसेज की जारी रिपोर्ट की माने तो इस इंडस्ट्री से पार्ट और फुलटाइम तरीकों से कई तरह के लोग जुड़े हुए है। जो अपना काम करते है।  पर्यटन मंत्रालय की 2019-20 की एक रिपोर्ट के मुताबिक ट्रैवल इंडस्ट्री ने 8 करोड़ से भी ज्यादा लोगों को रोजगार उपलब्ध करा रखा है। एक रिपोर्ट की माने तो  हमारे देश में 12 % लोग बांग्लादेश से ताल्लुक रखते हैं। वहीं, 9 % व्यक्ति दुनिया के ताकतवर देश अमेरिका से हैं, 6 % लोग ब्रिटेन से और 69 % लोग बाकी  देशों से यहां पर अद्भुत और ऐतिहासिक स्थल को देखते आते थे। लेकिन कोरोना वायरस की महामारी ने पूरे व्यापार को चौपट कर दिया है जिसका एक बड़ा कारण अंतरराष्ट्रीय विमान सेवाएं पर लगी रोक भी शामिल है।

कई चुनौतियां सामने हैं

दरअसल कोरोना वायरस के बढ़ते संक्रमण के कारण बेशक भारत में धीरे-धीरे हर आर्थिक गतिविधियां शुरू हो रही है और देश अनलॉक की स्थिति में हो रहा है। उसी तरह कई चुनौतियां  भी सामने आई है क्योंकि जो गाइडलाइन सरकार की तरफ से जारी हो चुकी हैं उसी के मुताबिक अब हर कस्टमर्स के सुरक्षा की जिम्मेदारी होटल की होगी जिसमे कोरोना वायरस से कस्टमर्स को बचाने के लिए भी काफी इंतजाम करने पड़ेंगे। जो उन लोगों को बजट को खराब करेंगा। जिससे अब होटल में ज्यादा संख्या में लोगों की उपस्थिति दर्ज नहीं होगी जो मलिकों की सबसे बड़ी चिंता में से एक है।

पर्यटन  इंडस्ट्री को सुचारू रूप में लगेगा समय

पर्यटन  इंडस्ट्री को सुचारू रूप से सही जगह पर लाने के लिए कई तरह के उपाय किए जा रहे हैं। हालांकि यह उतना आसान नहीं है क्योंकि अभी भी कोरोना वायरस की कोई दवा नहीं बनी है। जिसके कारण अभी भी लोग एक स्थान से दूसरे स्थान पर जाने के लिए काफी सोच विचार कर रहे है इसीलिए इस उद्योग के पुनर्जन्म में समय लगेगा लेकिन एक बात बिल्कुल सच है कि राह पहले की तरह आसान नहीं होने वाली है। साल 2020 के शुरूआती पांच महीनों में विदेशी लोगों का भारत आना पिछले साल के मुकाबले 70 प्रतिशत कम कम रहा था जिसके कारण हीअंतरराष्ट्रीय पर्यटकों से दुनियाभर को 910 अरब डॉलर डॉलर की चपत लगी है। 

RELATED ARTICLE

LEAVE A REPLY

POST COMMENT