दशहरा पर मां दुर्गा और भगवान श्रीराम की पूजा की जाती है. साथ ही मां दुर्गा की विदाई भी इस दिन होती है. इस दिन मां दुर्गा हाथी पर सवार होकर कैलाश पर्वत की ओर प्रस्थान करती है. ऐसी मान्यता है कि शत्रुओं पर विजय प्राप्त करने के लिए इस दिन शस्त्र पूजा करनी चाहिए. वही शाम के दिन जगह-जगह पर रावण के पुतले का दहन किया जाएगा.
ये है शुभ मुहूर्त
14 अक्टूबर वाले दिन 6 बजकर 52 मिनट से प्रारंभ हो चुकी है. जोकि 15 अक्टूबर 2021 को शाम 6 बजकर 2 मिनट तक रहेगी. विजय दशमी पर दोपहर 2 बजकर 1 मिनट से 2 बजकर 47 मिनट तक विजय मुहूर्त है.
क्या है पूजा की विधि
इस खास दिन पर लाल रंग के कपड़े को बिछाकर उस पर भगवान श्रीराम और मां दुर्गा की मूर्ति स्थापित की जाती है. इसके बाद हल्दी से चवाल पीले करने के बाद स्वास्तिक के तौर पर गणेश जी को स्थापित किया जाता है. नवग्रहों की स्थापना इसके बाद आप करे. अपने ईष्ट की आराधना करते हुए उन्हें स्थान दें. लाल रंग के फुल चढ़ाएं. गुड़ से बने पकवानों से उन्हें भोग लगाएं. इसके बाद दान और दक्षिणा दें. साथ ही गरीबों को भोजन कराएं. धर्म ध्वजा के तौर पर विजय पताका अपने पूजा स्थान पर लगाएं.
दशहरा का क्या है महत्व
इस खास दिन मां दुर्गा ने महिषासुर का वध किया था. ऐसा करके उन्होंने देवताओं को उसके आतंक से मुक्ति दिलाई थी. साथ ही इस दिन भगवान श्री राम ने रावण का वध कर सीता जी को उनकी कैद से मुक्त कराया था.
Comments
Add a Comment:
No comments available.