लद्दाख और कारगिल में महसूस हुए तेज भूकंप के झटके, रिक्टर स्केल पर 4.7 की तीव्रता

नेशनल सेंटर फॉर सीस्मोलॉजी के मुताबिक, मंगलवार को लद्दाख में लेह और कारगिल से 401 किमी उत्तर में रिक्टर पैमाने पर 4.7 तीव्रता का भूकंप आया.

प्रतीकात्मक तस्वीर
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नेशनल सेंटर फॉर सीस्मोलॉजी के मुताबिक, मंगलवार को लद्दाख में लेह और कारगिल से 401 किमी उत्तर में रिक्टर पैमाने पर 4.7 तीव्रता का भूकंप आया. भूकंप सुबह 7.38 बजे आया. राष्ट्रीय भूकंप विज्ञान केंद्र ने ट्वीट कर बताया कि भूकंप की तीव्रता 4.7 थी. अभी तक किसी के हताहत होने या घायल होने की सूचना नहीं है. हालाँकि, विवरण अभी भी प्रतीक्षित है.

पृथ्वी के अंदर 7 प्लेटें हैं, जो लगातार घूमती रहती हैं. जिस क्षेत्र में ये प्लेटें टकराती हैं उसे फॉल्ट लाइन कहा जाता है. बार-बार टकराने से प्लेटों के कोने मुड़ जाते हैं. जब बहुत अधिक दबाव बनता है तो प्लेटें टूटने लगती हैं. नीचे की ऊर्जा बाहर निकलने का रास्ता ढूंढती है और गड़बड़ी के बाद भूकंप आता है.

भूकंप का केंद्र वह स्थान होता है जिसके ठीक नीचे प्लेटों में हलचल के कारण भूवैज्ञानिक ऊर्जा निकलती है. इस स्थान पर भूकंप का कंपन अधिक तीव्र होता है. जैसे-जैसे कंपन की आवृत्ति बढ़ती है, इसका प्रभाव कम होता जाता है. हालांकि, अगर रिक्टर स्केल पर 7 या इससे अधिक तीव्रता वाला भूकंप आता है तो झटके 40 किमी के दायरे में महसूस किए जाते हैं. लेकिन यह इस बात पर भी निर्भर करता है कि भूकंपीय आवृत्ति ऊपर की ओर है या नीचे की ओर. यदि कंपन की आवृत्ति अधिक होगी तो कम क्षेत्र प्रभावित होगा.

भूकंप को रिक्टर स्केल से मापा जाता है. इसे रिक्टर मैग्नीट्यूड टेस्ट स्केल कहा जाता है. भूकंप को 1 से 9 रिक्टर स्केल पर मापा जाता है. भूकंप को उसके केंद्र यानी एपीसेंटर से मापा जाता है. भूकंप के दौरान पृथ्वी के भीतर से निकलने वाली ऊर्जा की तीव्रता इससे मापी जाती है। यही तीव्रता भूकंप की तीव्रता तय करती है.

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