Farmer Protest: जालंधर में रेलवे ट्रैक से हट गए किसान, हाईवे पर किया धरना प्रदर्शन

दो दिन पहले मुख्यमंत्री ने भी किसानों को बातचीत के लिए आमंत्रित किया था. सीएम ने कहा था कि सड़कें बातचीत के लिए नहीं होती हैं, सड़कें बंद करने से आम लोगों को परेशानी होती है.

प्रतीकात्मक तस्वीर
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दो दिन पहले मुख्यमंत्री ने भी किसानों को बातचीत के लिए आमंत्रित किया था. सीएम ने कहा था कि सड़कें बातचीत के लिए नहीं होती हैं, सड़कें बंद करने से आम लोगों को परेशानी होती है. मुख्यमंत्री ने किसानों से सड़क जाम न करने का अनुरोध किया था. सरकार के आश्वासन के बाद जालंधर में रेलवे ट्रैक पर बैठे किसान हट गए हैं. हालांकि, दिल्ली-जम्मू नेशनल हाईवे पर चौथे दिन भी धरना जारी है. ट्रैक खुलने के साथ ही ट्रेनों का आवागमन शुरू हो गया है.

लंबी दूरी की 6 ट्रेनें भी रद्द कर दी गई हैं. 13 ट्रेनों के रूट बदले गए और 9 ट्रेनों का रूट बदला गया है. गुरुवार को फिरोजपुर मंडल में आने-जाने वाली 142 ट्रेनें प्रभावित रहीं. जिसमें 40 मेल-एक्स और 11 पैसेंजर ट्रेनें रद्द कर दी गईं. 63 ट्रेनों को डायवर्ट करना पड़ा, 15 को शॉर्ट टर्मिनेट किया गया और 13 को शॉर्ट ओरिजिनेट किया गया.

चंडीगढ़ में किसानों की बैठक

जालंधर में पीएपी चौक के पास धन्नोवाली में किसान पिछले चार दिनों से धरना दे रहे हैं. गुरुवार को किसानों ने धन्नोवाली फाटक पर रेलवे ट्रैक भी जाम कर दिया था. किसान गन्ने का रेट बढ़ाने समेत अन्य मांगों को लेकर आंदोलन कर रहे हैं. हाईवे जाम होने से सैकड़ों लोग परेशान हैं. हालांकि, देर रात किसानों ने हाईवे की सर्विस लेन खोल दी, जिसके बाद यातायात सुचारू रूप से चलने लगा.

पिछले चार दिनों से धरना

जल्द ही किसानों का प्रतिनिधिमंडल मुख्यमंत्री से मिलकर अपनी मांगें रखेगा, समाधान नहीं निकला तो धरना जारी रहेगा. इससे पहले बुधवार को चंडीगढ़ में किसानों की बैठक होनी थी, जो नहीं हो पाई. इससे नाराज किसानों ने ऐलान किया कि जब तक सरकार गन्ने का रेट बढ़ाने की उनकी मांग नहीं मान लेती, तब तक धरना जारी रहेगा. इसके साथ ही संगठन 26 नवंबर को चंडीगढ़ मार्च भी करेगा.

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