कृषि कानून के खिलाफ किसानों का आज रेल रोको आंदोलन, जानिए क्या है रेलवे की खास तैयारियां

आज कृषि कानून को लेकर किसान रेल रोको आंदोलन करने जा रहे हैं। यहां जानिए इसको लेकर कैसे रेलवे है पूरी तरह से तैयार। किया कुछ उत्पात तो मिलेगी सजा।

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कृषि कानून को लेकर सरकार और किसानों के बीच कई बार बातचीत हो चुकी है लेकिन नतीजा कुछ भी नहीं निकला है। ऐसे में किसानों का आंदोलन अब और भी ज्यादा तेज होता हुआ नजर आ रहा है। आज किसानों ने रेल रोको आंदोलन का आह्वान किया है। इसका मतलब ये की किसान आज दोपहर 12 बजे से 4 बजे तक रेल रोको आंदोलन करने वाले हैं। रेलवे ने इसको लेकर खास तैयारियां भी की है। 

आज संयुक्त किसान मोर्चा द्वारा दोपहर 12 से शाम 4 बजे देशव्यापी रेल रोको आंदोलन होने जा रहा है। इसके चलते हजारों किसान रेल की पटरियों पर बैठेंगे। इस आंदोलन को भारतीय किसान यूनियन के नेता राकेश टिकैत रेल रोको नहीं बल्कि रेल खोलो आंदोलन बता रहे हैं। अपनी बात रखते हुए उन्होंने कहा कि हम तो रेल चलाएंगे। पिछले 8 महीने से रेल रोक रखी है, देश की जनता दुखी है। जो एकाध ट्रेन आती है उस पर हम माला डाल देंगे और लोगों से पूछ लेंगे कि क्या परेशानी है। इस वक्त सरकार की ओर से सब कुछ पटरी पर मौजूद है। फरवरी-मार्च से लेकर अब तक सबकुछ पटरी से उतर चुका है। इसीलिए रेल चलनी चाहिए।

रेल आंदोलन का केवल एक ही मकसद है कृषि कानूनों को वापस लेने के लिए सरकार पर दबाव बनाने की कोशिश करना। लेकिन इस चीज को लेकर रेलवे पूरी तरह से अलर्ट है। यहां तक की जीआरपी और आरपीएफ के जवानों तक की छुट्टियों को रद्द करने का काम किया गया है। साथ ही रेलवे की तरफ से आरपीएसएफ की 20 अतिरिक्त कंपनियों को भी तैनात किया गया है।

कहां तैनात रहेंगी आरपीएसएफ की कंपनियां-

पंजाब, उत्तर प्रदेश, हरियाणा और पश्चिम बंगाल में आरपीएसएफ में तैनात रहेंगी ये कंपनियां। ये वो जगह हैं जहां रेल रोको आंदोलन का सबसे अधिक असर पड़ने की उम्मीद है। रेलवे अधिकारियों को लोकल स्तर पर राज्य सरकार और स्थानीय डीएम और एसपी के साथ संपर्क में रहने के निर्देश दिए हैं।

रेल की संपत्ति को पहुंचाया नुकसान तो मिल सकती है ये सजा-

आंदोलन या फिर धरना प्रदर्शन के वक्त जब रेल रोकने या फिर रेल की पटरियों को नुकसान पहुंचाया जाता है तो ऐसा करने वालों के खिलाफ कार्रवाई भी होती है। पिछले तीन सालों में उत्तर रेलवे में परिचालन बाधित करने को लेकर 5,141 मामले दर्ज हुए हैं। साथ ही 4,906 लोग गिरफ्तार भी हुए हैं। इस तरह की सख्ती के बाद भी रेल रोकने और उसकी संपत्ति को नुकसान पहुंचाने का काम थमा नहीं है। ऐसे में इस रेल आंदोलन के वक्त  रेलवे संपत्ति को नुकसान पहुंचाने वालों के खिलाफ रेलवे एक्टर की धारा-150 के तहत आजीवन कारावास की सजा हो सकती है, लेकिन पिछले तीन सालों से इस धारा के तहत किसी की भी गिरफ्तार नहीं हुई है।

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