बुधवार के दिन से गणेश चतुर्थी का त्योहार हर्षोल्लास के साथ मनाया जा रहा है। कोरोना के बाद अब गणेश जी का त्योहार पूरी खुशी के साथ मनाया जाने वाला है। घरों में लोगों ने इसको लेकर अपनी तैयारी शुरू कर दी है। वहीं, अलग-अलग जगहों पर इस त्योहार को लेकर पांडाल भी तैयार हो चुके हैं। गणेश पूजा का शुभ मुहूर्त इस बार सुबह 11: 24 से दोपहर 1: 54 बजे तक रहेगा। भाद्रपद के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी को भगवान गणेश की पूजा की जाती है। इस बार बुधवार को गणेश चतुर्थी के साथ 10 दिवसीय महोत्सव की शुरुआत होने वाली है।
इस बार गणेश चतुर्थी पर तीन शुभ योग का खास संयोग बन रहा है। ज्योतिषाचार्य डॉ. सुशांत राज के मुताबिक इस दिन रवि, शुक्ल और ब्रह्म योग बन रहा है। सुबह 5:58 बजे से रवि योग शुरु होगा। 10: 48 बजे तक शुक्ल योग रहेगा जबकि इसके तुरंत बाद ब्रह्म योग शुरु हो जाएगा। पूजा पाठ के आधार पर तीनों योग को बेहद शुभ माना गया है।
गणेश चतुर्थी की क्या है पूजा विधि
- सबसे पहले आप सुबह उठकर नहा लें।
- फिर गिली मिट्टी से आप भगवान जी की मूर्ति बनाएं।
- अब आप इसे सूखा दें।
- शुद्धु घी और सिंदूर, हल्दी, चंदन से उनका श्रृंगार कर दें।
- फिर उन्हें जनेऊ पहनाएं।
- गणेश जी को फिर उत्तर-पूर्व दिशा में स्थापित करें।
- धूप-दीपक जलाएं।
- फल-फूल उन्हें फिर पूजा के दौरान अर्पित करें और लड्डू या फिर मोदक चढ़ाएं।
- अब कूपर जलाकर उनकी आरती करें।
- 10 दिनों तक आप सुबह उनकी पूजा करें।
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