कालाबाजारी के बीच जानिए कैसे करें नकली रेमेडिसविर की पहचान, IPS अधिकारी ने दी जानकारी

रेमडेसिविर इंजेक्शन की कालाबाजारी के बीच यहां जानिए आप कैसे कर सकते हैं असली और नकली की पहचान.

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कोरोना वायरस इस वक्त भारत के कई राज्यों में भयंकर रूप लेता हुआ नजर आ रहा है. ऐसे में राजधानी से इंजेक्शन की कालाबाजारी होने की खबरें सामने आने लगी है, इसी संदर्भ में देश भर के अलग-अलग हिस्सों से लोगों को गिरफ्तार तक किया जा चुका है. इतना ही नहीं इस इंजेक्शन की नकली खेप बेचते हुए भी लोग पकड़े गए हैं. इसी संदर्भ में दिल्ली पुलिस क्राइम ब्रांच की डीसीपी, आईपीएस अफसर मोनिका भारद्वाज ने लोगों को इंजेक्शन के असली-नकली के अंतर को बताते हुए ट्वीटर हैंडल पर एक तस्वीर शेयर की है.

मोनिका भारद्वाज ने ट्वीट करते हुए एक तस्वीर शेयर करते हुए असली और नकली रेमडेसिविर इंजेक्शन के बीच सही इंजेक्शन की पहचान करने का तरीका बताया है. उन्होंने नकली इंजेक्शन के पैकेट पर लिखी कुछ गलतियों की ओर इशारा करते हुए सही इंजेक्शन की पहचान करने के नौ तरीके बताए हैं जिसमें उन्होंने- 

1. नकली रेमडेसिविर के पैकेट पर इंजेक्शन के नाम से ठीक पहले RX नहीं लिखा हुआ है. 

2. पैकेट पर लिखी गई तीसरी लाइन में एक कैपिटलाइजेशन गलती है. असली इंजेक्शन पर ‘100 mg/Vial’ लिखा हुआ है, जबकि नकली पर ‘100 mg/vial’ लिखा हुआ है, जबकि नकली पर '100mg/vial' लिखा हुआ है.


3. प्रोडक्ट के ब्रांड नेम में भी गलती है. नकली और असली रेमडेसिविर इंजेक्शन के पैकेट पर गैप को नोट करें. 

4. नकली पैकेट पर एक और कैपिटलाइजेशन गलती है. असली पैकेट पर For use in लिखा हुआ है और नकली पैकेट पर For use in लिखा हुआ है.

5. नकली रेमडेसिविर पर एक और कैपिटलाइजेशन Vial/vial में गलती है.

6. इसके साथ ही असली पैकेट के पीछे Warning लाल रंग में है, जबकि नकली पैकेट पर Warning लेबल काले रंग में है.

7. नकली रेमडेसिविर के पैकेट पर Warning लेबल के ठीक नीचे Covir ब्रांड नाम is manufactured under the licence from gilead sciences, Inc नहीं लिखा हुआ है.

8. हेटेरो लैब्स की पहचान करने वाले टेक्स्ट में भी कैपिटलाइजेशन गलती है. नकली रेमडेसिविर पैकेट में India की जगह India लिखा हुआ है. 

9. नकली रेमडेसिविर इंजेक्शन वाले पैकेट पर पूरे पते यानी कि एड्रेस में स्पेलिंग की गलतियां हैं. जैसे जैसे नकली पैकेट पर Telangana की जगह ‘Telagana‘ लिखा हुआ है. इस तरह, आप देख सकते हैं कि असली और नकली पैक्ट्स में किस तरह के बारीक अंतर छिपे हुए होते हैं.

कालाबाजारी कर रहे हैं इंसानियत के दुश्मन

रेमडेसिविर इंजेक्शन को लेकर इंसानियत के दुश्मन 20 हजार से लेकर 60 हजार में बेच रहे हैं. ऐसे ही कुछ लोग पुलिस के हत्थे चढ़ हैं. दिल्ली और छत्तीसगढ़ में रेमडेसिविर इंजेक्शन और कोरोना की बाकी दवाओं के साथ गिरफ्तार किए गए हैं. दिल्ली में कालाबाजारी के आरोप में तीन लोगों को पुलिस ने गिरफ्तार किया है. आरोपी मार्केट में रेमडेसिविर इंजेक्शन को 40 हजार रुपये प्रति पीस में बेच रहे थे. पुलिस ने इनके पास 1 लाख 20 हजार रुपये नकद और 3 इंजेक्शन जब्त किए. साथ ही इनकी गाड़ी से 100 ऑक्सीमीटर और 48 छोटे आकार के ऑक्सीजन सिलेंडर तक मिले हैं. पुलिस ने सभी के खिलाफ मामला दर्ज करके जांच शुरू कर दी है.

छत्तीसगढ़ में भी कालाबाजारी तेज

छत्तीसगढ़ के रायपुर में भी पुलिस ने कोरोना की दवाओं की कालाबाजारी करने वाले गिरोह का पर्दाफाश किया. यहां पुलिस ने 4 लोगों रेमडेसिविर इंजेक्शन के साथ गिरफ्तार किया है. पुलिस ने बताया कि ‘ये लोग 25,000 रुपये में एक इंजेक्शन बेच रहे थे.लेकिन आप सभी को ये जानकर हैरानी होगी कि जिस दवाई को लेकर इतनी मारामारी चल रही है वो कई रिपोर्ट्स के मुताबिक कोविड-19 के खिलाफ जबरदस्त तरीके से प्रभावी नहीं है. देखा जाए तो इस दवाई की सही कीमत 2,500 per vial. ऐसा काम करने वालों को वैसे शर्म आनी चाहिए कि लोग यहां मर रहे हैं और लोग ऐसे काम करने में जुटे हुए हैं. 

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