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सूर्य कर्क संक्रांति 16 जुलाई दिन शनिवार को पड़ रहा है. सूर्य कर्क संक्रांति तब मनाई जाती है जब सूर्य मिथुन राशि से निकलकर कर्क राशि में प्रवेश करता है. इस दिन सूर्य की पूजा करना लाभदायक माना जाता है.
सूर्य कर्क संक्रांति
हिंदू धर्म में सूर्य कर्क संक्रांति का विशेष महत्व है. हिंदू धर्म में ऐसी मान्यता है कि जब सूर्य देव एक राशि से दूसरी राशि में प्रवेश करते हैं, तो इसे संक्रांति कहा जाता है. वहीं जब सूर्य मिथुन राशि से निकलकर कर्क राशि में प्रवेश करते हैं तो उसे सूर्य कर्क संक्रांति कहा जाता है. सूर्य कर्क संक्रांति 16 जुलाई दिन शनिवार को पड़ रहा है.
शुभ मुहूर्त
कर्क संक्रांति 16 जुलाई दिन शनिवार, कर्क संक्रांति पुण्य काल - सुबह 05 बजकर 34 मिनट से शाम 05 बजकर 09 मिनट तक
संक्रांति महापुण्य काल - दोपहर 02 बजकर 51 मिनट से शाम 05 बजकर 09 मिनट तक,सूर्य का कर्क राशि में गोचर का समय - रात 10 बजकर 50 मिनट पर.
कुश का आसन लगाएं
सूर्य कर्क संक्रांति के दिन पूजा करने के लिए सूर्योदय से पहले स्नान कर लेना चाहिए. इसके बाद सूर्योदय होते हुए सूर्य के समक्ष कुश का आसन लगाएं. आसन पर खड़े होकर तांबे के पात्र में पवित्र जल ले. जल में मिश्री भी मिलाएं. ज्योतिष शास्त्र के अनुसार सूर्य को मीठा जल चढ़ाने से कुंडली के मंगल दोष दूर होता है. सूर्य को जल धीमी धीमी तरह से चढ़ाएं.
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