महाराष्ट्र में जारी राजनीतिक संघर्ष गहरा गया है. अब लड़ाई राजभवन और विधानसभा तक पहुंच गई है. मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे महा विकास अघाड़ी सरकार और पार्टी (शिवसेना) को बचाने की कोशिश कर रहे हैं. इस बीच शिवसैनिक सड़कों पर उतर आए हैं. पुणे में शिवसेना कार्यकर्ताओं ने हंगामा किया है. बागी विधायक तन्नाजी सावंत के कार्यालय में तोड़फोड़ की गई है. पुणे शहर के शिवसेना प्रमुख ने कहा है कि उनके ही कार्यकर्ताओं ने तोड़फोड़ की है.
उन्होंने कहा कि पार्टी प्रमुख उद्धव ठाकरे को संकट में डालने वाले सभी बागी विधायकों और देशद्रोहियों को इसी तरह की कार्रवाई का सामना करना पड़ेगा. दूसरी ओर, शिवसेना के बागी विधायक एकनाथ शिंदे ने मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे, महाराष्ट्र के गृह मंत्री, डीजीपी महाराष्ट्र को पत्र लिखकर आरोप लगाया है कि 38 विधायकों के परिवार के सदस्यों की सुरक्षा दुर्भावनापूर्ण तरीके से वापस ले ली गई है.
इस बीच ठाकरे धड़े ने आज पार्टी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक बुलाई है। उधर, शिवसेना के बागी नेता एकनाथ शिंदे के विधानसभा क्षेत्र ठाणे में पुलिस ने आठ जुलाई तक निषेधाज्ञा लगा दी है. इस अवधि के दौरान शरीर को घायल करने के लिए उपयोग किए जाने वाले हथियार, लाठी, तलवार, भाले, बंदूक, लाठी या किसी भी हथियार को लाने या ले जाने, भंडारण करने पर प्रतिबंध रहेगा. इतना ही नहीं, पत्थर रखने और तैयार करने या किसी भी तरह का फेंकना भी प्रतिबंधित रहेगा. पुलिस ने भड़काऊ पोस्टरों पर भी रोक लगा दी है.
ताजा घटनाक्रम से पता चलता है कि बागी नेता एकनाथ शिंदे का धड़ा 37 विधायकों की एक महत्वपूर्ण ताकत तक पहुंच गया है, जो दलबदल विरोधी कानून का उल्लंघन किए बिना विधानसभा में पार्टी को विभाजित करने के लिए पर्याप्त है. इसके साथ ही शिंदे गुट के पास अब 42 विधायक हो गए हैं. हालांकि, शुक्रवार सुबह एनडीटीवी से बात करते हुए उन्होंने दावा किया था कि शिवसेना के 40 सहित 50 से अधिक विधायक उनका समर्थन कर रहे हैं.
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