Hindi English
Login

जानिए कौन था वो गुनहगार जिसे गांधी जी की हत्या को लेकर नाथूराम गोडसे संग हुई थी फांसी

महात्मा गांधी की पुण्यतिथि पर आइए जानते हैं उस शख्स के बारे में यहां जिन्हें नाथूराम गोडसे के अलावा उनकी हत्या को लेकर फांसी की सजा सुनाई गई थी।

Advertisement
Instafeed.org

By Deepakshi | खबरें - 30 January 2021

30 जनवरी 1948 का दिन कोई भी भारतीय आसानी से नहीं भूला सकता है। ये वो पल था जब राष्ट्रपति महात्मा गांधी की हत्या हो गई थी। जब भी उनकी हत्या का जिक्र किया जाता है तो हमारे जहन में एक ही नाम आता है और वो है नाथूराम गोडसे।  महात्मा गांधी पर उस दिन गोलियां चली थी। गांधी जी जैसी शख्सियत को खत्म करने का काम केवल एक ही इंसान ने नहीं किया था। बल्कि आपको ये जानकारी हैरानी होगी कि गांधी हत्याकांड में कोर्ट ने 9 लोगों को अभियुक्त बनाया था, जिसमें से सिर्फ दो को ही फांसी की सजा मिली थी।

इस हत्याकांड में नाथूराम गोडसे के अलावा नारायण आप्टे को भी फांसी की सजा हुई थी। वो एक हिन्दू महासभा के एक कार्यकर्ता थे और नाथूराम गोडसे की तरह ही उन्हें भी अंबाला के जेल में 15 नवंबर 1949 को फांसी की सजा दी थी। आइए यहां जानते हैं नारायण आप्टे के बारे में पूरी डिटेल यहां-

- नारायण आप्टे का जन्म एक संभ्रांत ब्राह्मण परिवार में 1911 में हुआ था।

 - उन्होंने बॉम्बे यूनिवर्सिटी से साइंस में ग्रेजुएशन करने के बाद कई तरह के काम किए।

- अहमदनगर में उन्होंने 1932 में एक शिक्षक के तौर पर काम करना शुरू किया था। 

- इसके बाद 1939 में आप्टे ने हिन्दू महासभा ज्वाइन किया था।

- 22 जुलाई 1944 में उन्होंने महात्मा गांधी के खिलाफ होने वाले प्रदर्शनों का नेतृत्व भी किया था।

-गांधी हत्याकांड की साजिश 1948 में रची गई और उसे अंजाम भी दिया गया था।

 सुनाई थी। इसमें 9 अभियुक्तों में से एक को सबूतों के अभाव में बरी कर दिया गया था। इसके बाद आठ लोगों को गांधी जी की हत्या, हिंसा और साजिश रचने के आधार पर दो लोगों यानी नारायाण आप्टे और नाथूराम गोडसे को फांसी की सजा दी गई थी। वहीं बाकी 6 लोगों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई थी।

Advertisement
Advertisement
Comments

No comments available.