प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज लाल किले में पहले भारतीय कला, वास्तुकला और डिजाइन द्विवार्षिक का उद्घाटन किया. इसमें उन्होंने एक स्मारक डाक टिकट जारी किया. इस दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि लाल किले का ये प्रांगण अपने आप में बहुत ऐतिहासिक है. यह किला सिर्फ एक इमारत नहीं, एक इतिहास है. आजादी से पहले और आजादी के बाद कितनी पीढ़ियां गुजर गईं, लेकिन लाल किला आज भी अटल और अमिट है.
सांस्कृतिक केंद्रों का विकास
इस विश्व धरोहर लाल किले में आप सभी का हार्दिक स्वागत है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आगे कहा कि आज कला और वास्तुकला से जुड़े हर क्षेत्र में स्वाभिमान की भावना के साथ काम किया जा रहा है. चाहे वह केदारनाथ और काशी जैसे हमारे सांस्कृतिक केंद्रों का विकास हो, या फिर महाकाल महालोक जैसा पुनर्निर्माण, आज आजादी के स्वर्ण युग में भारत सांस्कृतिक समृद्धि के नए आयाम गढ़ रहा है और उसके लिए ठोस प्रयास भी कर रहा है.
दिल्ली कई स्मारकों का घर है जो भारत के अतीत की कहानियाँ बताते हैं। यह भारतीय कला, वास्तुकला और डिजाइन द्विवार्षिक कई मायनों में खास है. यहां हमारे रंग, संस्कृति, रचनात्मकता और समुदाय एक साथ जुड़े हुए हैं. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि आज 'आत्मनिर्भर भारत सेंटर फॉर डिजाइन' का उद्घाटन किया गया है. यह केंद्र भारत के अद्वितीय और दुर्लभ शिल्प और दुर्लभ कलाओं को बढ़ावा देने के लिए एक मंच प्रदान करेगा. यह कारीगरों और डिजाइनरों को एक साथ लाएगा और उन्हें बाजार के अनुसार कुछ नया करने में मदद करेगा.
सांस्कृतिक पहल को विकसित
इससे पहले प्रधानमंत्री कार्यालय ने इसकी जानकारी दी थी. पीएमओ ने कहा कि वेनिस, साओ पाउलो, सिंगापुर, सिडनी और शारजाह में अंतरराष्ट्रीय द्विवार्षिक समारोहों की तर्ज पर देश में एक प्रमुख वैश्विक सांस्कृतिक पहल को विकसित और संस्थागत बनाना पीएम मोदी का दृष्टिकोण रहा है. इसके अलावा पांच भारतीय शहरों कोलकाता, दिल्ली, मुंबई, अहमदाबाद और वाराणसी में सांस्कृतिक स्थलों के विकास की भी घोषणा की गई। IAADB का आयोजन 9 से 15 दिसंबर तक लाल किले, नई दिल्ली में किया जा रहा है.
Comments
Add a Comment:
No comments available.