ओडिशा ट्रेन हादसे में मरने वालों की संख्या 280 पहुंच गई है. वहीं, 900 से ज्यादा यात्री घायल बताए जा रहे हैं. यह आंकड़ा और बढ़ सकता है. दो जून की शाम को जब ओडिशा में रेल हादसे की खबर आई तो मालगाड़ी और एक्सप्रेस ट्रेन के बीच टक्कर की बात सामने आई.
ओडिशा ट्रेन हादसे में मरने वालों की संख्या 280 पहुंच गई है. वहीं, 900 से ज्यादा यात्री घायल बताए जा रहे हैं. यह आंकड़ा और बढ़ सकता है. दो जून की शाम को जब ओडिशा में रेल हादसे की खबर आई तो मालगाड़ी और एक्सप्रेस ट्रेन के बीच टक्कर की बात सामने आई. बाद में पता चला कि दो नहीं बल्कि तीन ट्रेनें, एक मालगाड़ी, कोरोमंडल एक्सप्रेस और हावड़ा एक्सप्रेस आपस में टकरा गई थीं.
ट्रेन के बीच टक्कर
मिनी जानकारी के अनुसार, पीएम मोदी आज यानी 3 जून को ओडिशा जाएंगे. पहले बालासोर में दुर्घटनास्थल जाएंगे और फिर कटक के अस्पताल में जाकर घायलों का हालचाल लेंगे. ये घटना बालासोर स्टेशन के पास बहनागा बाजार स्टेशन के पास हुई. हादसे के वक्त आउटर लाइन पर एक मालगाड़ी खड़ी थी. चेन्नई जाने वाली हावड़ा जाने वाली कोरोमंडल एक्सप्रेस (12841) बहनागा बाजार से 300 मीटर पहले पटरी से उतर गई. हादसा इतना भयानक था कि कोरोमंडल एक्सप्रेस का इंजन मालगाड़ी पर चढ़ गया. इससे कोरोमंडल एक्सप्रेस ट्रेन की पिछली बोगियां तीसरे ट्रैक पर आ गिरी.
जीएस कोच क्षतिग्रस्त
ट्रेन संख्या 12841 के कोच बी2 से बी9 तक के डिब्बे पलट गए. वहीं ए1-ए2 कोच भी पटरी पर पलट गए. जबकि, कोच बी1 के साथ ही इंजन पटरी से उतर गया और कोच एच1 और जीएस कोच ट्रैक पर ही रह गए. वहीं, ट्रेन नंबर 12864 का एक जीएस कोच क्षतिग्रस्त हो गया. इसी दौरान पीछे की तरफ जीएस कोच व दो बोगियां पटरी से उतरकर पलट गईं. जबकि कोच ए1 से लेकर इंजन तक की बोगी ट्रैक पर ही रही.
रेस्क्यू ऑपरेशन
2 जून को हादसे की जानकारी मिलते ही रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू कर दिया गया. रात भर का रेस्क्यू ऑपरेशन 3 जून की सुबह तक जारी रहा। एनडीआरएफ की 7 टीमें, ओडिशा एसडीआरएफ की 5 टीमें, फायर ब्रिगेड की 24 गाड़ियां, स्थानीय पुलिस और वॉलंटियर्स रेस्क्यू ऑपरेशन में लगे हुए हैं. ओडिशा सरकार के मुताबिक, 200 एंबुलेंस को मौके पर तैनात किया गया है. साथ ही 45 मोबाइल स्वास्थ्य दल, 50 चिकित्सक नियुक्त किए गए हैं. बचाव अभियान में मदद के लिए सेना को भी लगाया गया था.