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उत्तर प्रदेश की संगम नगरी प्रयागराज को छावनी में बदलने की तैयारी की जा रही है. दरअसल प्रयागराज में माघ मेला लगने वाला है. माघ मेले की सुरक्षा व्यवस्था को देखते हुए 5000 सैनिकों को तैनात किया जाएगा. प्रयागराज का माघ मेला दुनिया भर में प्रसिद्ध है यहां पर लाखों श्रद्धालु संगम में डुबकी लगाने के लिए आते हैं. यह मेला प्रयागराज में हर साल लगता है. यह यूपी के सबसे बड़े इवेंन्ट में से एक है. यहां पर दुनिया भर के कोने-कोने से हिन्दू श्रद्धालु संगम में स्नान करने के लिए आते हैं.
एडीजी लॉ एंड ऑर्डर प्रशांत कुमार के बयान
संगमनगरी प्रयागराज के माघ मेले के मद्दे नजर एडीजी लॉ एंड ऑर्डर प्रशांत कुमार ने कहा कि शहर में किसी तरह का उपद्रव न होने पाए इसलिए चप्पे पर जवान तैनात रहेंगे. मेले में पुलिस 31 दिसंबर तक अपनी पूरी छमता के साथ तैनात हो जाएगी. स्नान पर्व पर आने वाली भीड़ के लिए पुलिस राह बनाएगी और शहर में भीड़ रोकने के भी प्रभावी उपाय किए जाएंगे.
दूर-दूर से आते श्रद्धालु
प्रयागराज में सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए जा रहे है. माघ मेला में भारी संख्या में लोग स्नान करने के लिए प्रयागराज में आते हैं. जिससे भारी भीड़ होती है. जिसमें कानून व्यवस्था को बनाए रखने के लिए बड़ी चुनौती है. जवान इस दौरान पूरी तरह मुस्तैद रहेंगे और शहर की मॉनिटरिंग करेंगे. इस दौरान उपद्रियों के खिलाफ कड़े एक्शन लिए जाएंगे. माघ मेले में साधू-संतों की टोली भी आती है. ऐसे में सबको पर्याप्त सुरक्षा मुहैया कराई जाएगी.
शहर में धार्मिक प्रतिष्ठानों पर लगे सभी अवैध लाउडस्पीकर को हटा दिया जाएगा. शहर में पहले ही अवैध ही अवैध लाउडस्पीकर हटाने के लिए कैंपेन चलाया गया था जिसमें 50 से ज्यादा लाउडस्पीकर को लोगों ने उतार दिया था.
कब लगेगा माघ मेला
माघ मेला इस बार छह जनवरी 2023 को पौष पूर्णिमा स्नान के साथ शुरू होगा. इस बार माघ मेला का क्षेत्रफल बढ़ाया जाएगा। सुविधाएं भी बढ़ाए जाने की योजना है. पिछले वर्ष कोविड के चलते कम क्षेत्रफल और कम सुविधाओं में आयोजन हुआ था. इस बार श्रद्धालुओं की संख्या बढ़ने का अनुमान है, जिसके तहत व्यवस्थाएं भी बढ़ाए जाने की तैयारी शुरू हो गई है.
जानें क्या है मान्यता
यह है मान्यता है कि माघ के महीने में प्रयाग में न सिर्फ लोग कल्पवास करते हैं, बल्कि 33 करोड़ देवी-देवता भी वहीं रहते हैं. कल्पवास करने वाले साधकों को वो किसी न किसी रूप में दर्शन देते हैं. इसलिए भक्त अपना घर और मोह-माया छोड़कर यहां धार्मिक कार्यों में लीन रहते हैं.
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