रवि शास्त्री और मौजूदा बीसीसीआई अध्यक्ष सौरव गांगुली (Sourav Ganguly) के बीच हुआ विवाद काफी सुर्खियों में रहा था.
नई दिल्ली: भारतीय क्रिकेट टीम (Indian cricket Team) को बीते कुछ सालों में मिली सफलता में हेड कोच रवि शास्त्री (Ravi Shastri) का बड़ा हाथ है. उनके कोच रहते भारतीय टीम टेस्ट में करीब पांच साल तक नंबर-1 रही. वहीं, 2017 में चैम्पियंस ट्रॉफी का फाइनल भी खेला. उनकी इसी काबिलियत को गोयनका ग्रुप द्वारा शुरू किए गए इंडियन स्पोर्ट्स ऑनर्स अवॉर्ड (Indian Sports Honour) से सम्मानित किया गया है. उन्हें 2019 के लिए बेस्ट कोच चुना गया. हालांकि, जितना टीम की सफलता में उनका हाथ है. उतना ही विवादों से भी उनका गहरा नाता है. कभी उन्हें मैच के दौरान ड्रेसिंग रूम में सोने के लिए ट्रोल किया गया, तो कभी विराट कोहली (Virat Kohli) की सेना को टेस्ट में बेस्ट बताने के लिए मामले में वो सुनील गावस्कर (Sunil Gavaskar) के निशाने पर आए. इसके अलावा अनिल कुंबले (Anil Kumble) को हटाकर उन्हें टीम इंडिया का कोच बनाने का विवाद तो जगजाहिर है. शास्त्री से जुड़े ऐसे ही विवादों को हम बताने जा रहे हैं.
रवि शास्त्री और मौजूदा बीसीसीआई अध्यक्ष सौरव गांगुली (Sourav Ganguly) के बीच हुआ विवाद काफी सुर्खियों में रहा था. 2015 में डंकन फ्लेचर के हटने के बाद टीम इंडिया के हेड कोच की तलाश शुरू हुई थी. तब क्रिकेट सलाहकार समिति (CAC) को नया कोच चुनने की जिम्मेदारी दी गई थी. लेकिन तब शास्त्री हेड कोच नहीं बन पाए थे. उन्होंने इसका जिम्मेदार सौरव गांगुली को ठहराया था. तब उन्होंने गांगुली पर आरोप लगाया था कि वो उनके इंटरव्यू में मौजूद ही नहीं थे. इस बात पर गांगुली भड़क गए थे और उन्होंने उल्टे शास्त्री पर पलटवार किया था. तब गांगुली ने कहा था कि अगर शास्त्री को लगता है कि मैंने उन्हें भारतीय टीम का कोच नहीं बनने दिया, तो वो ख्यालों में रहते हैं. मेरी उन्हें सलाह है कि जब भी भारत का कोच चुना जाए, तो वो कमेटी के सामने पेश होकर इंटरव्यू दें न कि बैंकॉक में छुट्टियां मनाते हुए अपना प्रेजेंटेशन दें.
कुंबले के कोच पद छोड़ने के पीछे भी शास्त्री का हाथ!
अनिल कुंबले के भारतीय टीम के कोच पद छोड़ने के पीछे भी शास्त्री का हाथ माना जाता है. दरअसल, 2017 की चैम्पियंस ट्रॉफी के बाद कुंबले ने कप्तान विराट कोहली के साथ मतभेदों का हवाला देकर अपने पद से इस्तीफा दे दिया था. तब उन्होंने कहा था कि मुझे बीसीसीआई ने यह बताया है कि कप्तान को मेरी कोचिंग स्टाइल से परेशानी है और वो नहीं चाहते कि मैं टीम का हेड कोच बना रहूं. इसलिए मैं अपना पद छोड़ रहा हूं. दरअसल, तब क्रिकेट सलाहकार समिति की सदस्य डायना एडुल्जी ने अपने ई-मेल में यह खुलासा किया था कि कुंबले की जगह शास्त्री को कोच बनाने नियम तोड़े गए थे.
ईएसपीएन क्रिकइंफो की रिपोर्ट के मुताबिक, तब एडुल्जी ने खुलासा किया था कि कोहली अक्सर बीसीसीआई सीईओ राहुल जौहरी से कुंबले की शिकायत करते थे और शास्त्री को टीम का कोच बनाना चाहते थे. लगातार हो रही शिकायतों के बाद आखिरकार कुंबले को अपना पद छोड़ना पड़ा था. उन्होंने शास्त्री की नियुक्ति की प्रक्रिया पर भी सवाल खड़े किए थे. उस समय भी क्रिकेट सलाहकार समिति (CAC) ने कुंबले को कोच बनाने की खुली वकालत की थी. लेकिन बीसीसीआई ने कोच पद पर आवेदन की समय सीमा बढ़ा दी थी. इसके बाद शास्त्री ने इस पद के लिए आवेद किया था और उन्हें 2019 के लिए कोच नियुक्त किया गया.
जब रवि शास्त्री की गावस्कर ने लगाई थी क्लास
कोच रवि शास्त्री ने 2018 के इंग्लैंड दौरे पर टीम इंडिया को लेकर एक बयान दिया था, जिस पर काफी बवाल मचा था. तब पूर्व भारतीय कप्तान सुनील गावस्कर ने उन्हें आईना दिखाया था. दरअसल, 2018 के इंग्लैंड दौरे पर मेजबान टीम ने भारत को 3-1 से टेस्ट सीरीज में शिकस्त दी थी. इसके बाद टीम इंडिया का बचाव करने के इरादे से शास्त्री ने कहा था कि मौजूदा भारतीय टीम बीते 15-20 सालों की सबसे बेस्ट टेस्ट टीम है और विदेशी जमीन पर लगातार जीत दर्ज की है. इस पर गावस्कर ने उनकी जमकर क्लास लगाई थी. तब गावस्कर ने कहा था कि 1980 के दशक में भी भारतीय टीम ने इंग्लैंड और वेस्टइंडीज को उसी के घर में हराया था. राहुल द्रविड़ ने भी 2005 में वेस्टइंडीज और 2007 में इंग्लैंड को उसी के घर में सीरीज हराई थी.
मैच के दौरान सो गए थे शास्त्री
अक्टूबर 2019 में रवि शास्त्री दोबारा टीम इंडिया के कोच बने थे. तब दक्षिण अफ्रीका टीम भारत दौरे पर आई थी और सीरीज का एक टेस्ट रांची में हुआ था. इसी टेस्ट के दौरान शास्त्री ड्रेसिंग रूम में सोते नजर आए थे. उनकी सोने की तस्वीर सोशल मीडिया पर काफी वायरल हुई थी और वो उन्हें ट्विटर पर फैंस ने ट्रोल कर दिया था. हालांकि इस विवाद का शास्त्री पर कोई असर नहीं पड़ा था और वो उलटा उन्होंने ट्रोलर्स को जवाब दिया था कि मुझे इस बात से फर्क नहीं पड़ता कि लोग क्या कहते हैं. मैंने तो एक गेंद भी मिस नहीं की.