आगरा की सड़कों पर उतरे यूपी के दो लड़के, चुनाव में भी होंगे साथ

राजनीति में इंडिया गठबंधन में शामिल दो दलों के बीच की दूरियां अब खत्म हो चुकी है, क्योंकि कांग्रेस की समाजवादी पार्टी के साथ-साथ अब आम आदमी पार्टी से भी बात बनने लग गई है।

अखिलेश यादव और राहुल गांधी
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राजनीति में इंडिया गठबंधन में शामिल दो दलों के बीच की दूरियां अब खत्म हो चुकी है, क्योंकि कांग्रेस की समाजवादी पार्टी के साथ-साथ अब आम आदमी पार्टी से भी बात बनने लग गई है। बता दें कि अखिलेश यादव, राहुल गांधी की 'भारत जोड़ों न्याय यात्रा' में शामिल हो चुके हैं, करीब 7 साल बाद यूपी के दो लड़के यानी कि अखिलेश यादव और राहुल गांधी एक बार फिर से साथ खड़े हुए हैं। कांग्रेस नेता राहुल गांधी की 'भारत जोड़ो ने यात्रा' आज आगरा में पहुंच गई है और उत्तर प्रदेश में इस यात्रा का आखिरी दिन है, 'भारत छोड़ो न्याय यात्रा' के अंत के साथ ही राजनीति के दो बड़े नेता राहुल गांधी और अखिलेश यादव का नया शुभारंभ देखने को मिल रहा है। 7 साल बाद ऐसा नजर आया है, जब राहुल गांधी और अखिलेश यादव एक ही मंच पर मौजूद है।

बता दें कि 'भारत जोड़ो न्याय यात्रा' के दौरान अखिलेश यादव ने लोगों को संबोधित करते हुए कहा है कि, यह यात्रा मोहब्बत की दुकान है, यहां से जितनी भी मोहब्बत ले जा सकते हैं ले जाइए। आने वाले वक्त में हमें संविधान को बचाने के लिए काम करना है, आने वाले समय में भाजपा हारेगी और इंडिया गठबंधन की सरकार बनेगी। देश का किसान दुखी है, नौजवानों के सपने तोड़े जा रहे हैं। ये पीडीए जहां-जहां अपनी आवाज उठाएगी वहां-वहां बीजेपी का सफाया होता जाएगा, मैं इस यात्रा के लिए बधाई देता हूं। 

मोहब्बत का देश है नफरत का नहीं - राहुल गांधी

मंच पर राहुल गांधी अपना भाषण देते हुए कहते हैं कि, 1 साल पहले हमने भारत जोड़ो यात्रा निकाली थी, जो कन्याकुमारी से कश्मीर तक चली। इस यात्रा के दौरान एक शख्स मेरे पास आया और कहा, आप नफरत की बाजार में मोहब्बत की दुकान खोल रहे हो। देश में जो नफरत फैलाई गई है, उसके खिलाफ हमें मिलकर खड़ा होना चाहिए, यह मोहब्बत का देश है, नफरतों का नहीं। मैं आपसे पूछता हूं कि, क्या नफरत को नफरत से काटा जाता है, यह मोहब्बत से ही काटा जा सकता है। कुछ लोगों ने मुझे बताया कि, देश में नफरत का सबसे बड़ा कारण यह है की लोगों के साथ अन्याय किया जा रहा है।

सालों बाद साथ दिखे अखिलेश यादव और राहुल गांधी

बता दे कि, लंबे समय बाद राहुल और अखिलेश यादव एक साथ यूपी में नजर आए हैं, पिछली बार दोनों ने विधानसभा चुनाव के लिए एक दूसरे का हाथ पकड़ा था, वही इस बार दोनों लोकसभा चुनाव गठबंधन के साथ लड़ेंगे। अब देखना यह है कि, इस बार अखिलेश यादव का साथ यूपी में कांग्रेस की नैया पार लगा पाएगा या नहीं ? या फिर मोदी का ऐलान कांग्रेस मुक्त भारत सच होने के एक और कदम आगे बढ़ जाएगी।

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