क्या Mohalla Clinic fraud में फंसेंगे Arvind Kejriwal?

क्या नया साल दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल के लिए नई मुसीबतें लेकर आया है? शराब कांड के बाद अब मोहल्ला क्लिनिक में घोटाला?

Arvind Kejriwal
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क्या नया साल दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल के लिए नई मुसीबतें लेकर आया है?

शराब कांड के बाद अब मोहल्ला क्लिनिक में घोटाला?

एलजी ने क्यों दिए सीबीआई जांच के आदेश?

क्या सलाखों के पीछे जा सकते हैं सीएम केजरीवाल?

नमस्ते, मैं हिमानी हूं और आप इंस्टाफीड देख रहे हैं। 2024 को अभी 10 दिन भी नहीं बीते हैं और दिल्ली सरकार पर एक के बाद एक मुसीबतें बढ़ती जा रही हैं. अभी एक्साइज पॉलिसी पर हुए घोटाले की आग ठंडी नहीं हुई थी और अब मोहल्ला क्लिनिक घोटाला उस आग में घी डालने का काम कर रहा है. ऐसे में जहां बीजेपी को आम आदमी पार्टी पर जमकर हमला बोलने का मौका मिल गया, वहीं केजरीवाल सरकार पर मुसीबतों का पहाड़ बढ़ता नजर आ रहा है.

क्या है मोहल्ला क्लिनिक घोटाला?

2015 में आम आदमी पार्टी ने मोहल्ला क्लिनिक के नाम पर दिल्ली की जनता को मुफ्त इलाज और दवाइयों के साथ-साथ कम कीमत पर महंगे टेस्ट की सुविधा दी थी. लेकिन अब ये तोहफा दिल्ली सरकार के गले की फांस बन गया है. बीजेपी का आरोप है कि क्लीनिकों में पैथोलॉजी और रेडियोलॉजी जांच के नाम पर फर्जीवाड़ा हो रहा है. प्राइवेट लैब्स को फायदा पहुंचाने के लिए भूत मरीजों यानी ऐसे मरीजों के नाम पर टेस्ट किए जा रहे हैं जिनका कोई अस्तित्व ही नहीं है। दरअसल, पार्टी का आरोप है कि मोहल्ला क्लिनिक में 4 घंटे के अंदर 500 से ज्यादा मरीजों की जांच की गई है.

मामला 23 दिसंबर को तब सुर्खियों में आया जब सतर्कता विभाग ने इस फर्जीवाड़े की रिपोर्ट दिल्ली के उपराज्यपाल को सौंपी. इसके बाद एलजी ने स्वास्थ्य विभाग की टीम को जांच के आदेश दिए और अब इन क्लीनिकों में होने वाले टेस्ट को लेकर सीबीआई जांच की बात कही है.

बीजेपी का हमला!

बीजेपी की दिल्ली इकाई ने आम आदमी पार्टी सरकार पर सरकारी अस्पतालों और मोहल्ला क्लीनिकों में नकली दवाओं का भंडारण और आपूर्ति करने का आरोप लगाया है। दिल्ली बीजेपी अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेव ने यहां तक कहा कि तत्कालीन स्वास्थ्य मंत्री मनीष सिसौदिया और मौजूदा मंत्री सौरभ भारद्वाज को पैथोलॉजी घोटाले की जानकारी थी.

केजरीवाल सरकार ने क्या कहा?

दिल्ली सरकार का कहना है कि केंद्र सरकार द्वारा नियुक्त स्वास्थ्य विभाग के वरिष्ठ अधिकारी ही डायग्नोस्टिक लैब की निगरानी करते हैं। प्रेस कॉन्फ्रेंस में दिल्ली के मंत्री सौरभ भारद्वाज ने कहा, ''कुछ डॉक्टरों ने अपने वीडियो बनाकर कर्मचारियों को दिए थे ताकि हर दिन उनकी उपस्थिति ऐप में दर्ज हो. अगर कोई गलत फोन नंबर दे रहा है तो अधिकारियों को इस बात की जांच करनी चाहिए. इस मामले में 7 डॉक्टर और स्टाफ समेत 26 लोगों को नौकरी से निकाल दिया गया था.

दिल्ली सरकार के सूत्रों की मानें तो एलजी द्वारा सुझाई गई सीबीआई जांच पर काम चल रहा है. कहा जा रहा है कि सरकार जल्द ही स्वास्थ्य सचिव के निलंबन पर विचार कर सकती है.

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