NGO के लिए अब विदेशी फंड लेना हुआ मुश्किल, सरकार ने नियमों में किए ये बड़े बदलाव

विदेशी अंशदान अधिनियम के तहत कोई भी संगठन रजिस्ट्रेशन की मांग करता है तो उसे कम से कम अगले तीन साल तक काम करना होगा।

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पिछले कुछ दिनों से केंद्र सरकार लगातार बदलाव की तरफ अग्रसर है। एक तरफ देश की अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने के लिए लगातार राहत पैकेज का ऐलान कर रही है वहीं दूसरी तरफ सरकार ने विदेशी फंडिंग को लेकर कुछ बदलाव किये हैं। जिसके मुताबिक जो संगठन विदेशी फंडिंग की मांग करते हैं  उनको सरकार द्वारा लागू किए गए कड़े नियमों का पालन करना होगा। बुधवार को जारी की गई अधिसूचना में ये बताया गया कि विदेशी अंशदान अधिनियम के तहत कोई भी संगठन रजिस्ट्रेशन की मांग करता है तो उसे कम से कम अगले तीन साल तक काम करना होगा साथ ही इसका लाभ या फायदे उठाने के लिए संगठन को अपनी  मूल गतिविधियों पर कम से कम 15 लाख रुपये तक खर्च करने होंगे।”

क्या हैं नए बदलाव?

अगर कोई भी संगठन किसी स्पेशल प्रोजेक्ट और एक्टिविटी के लिए किसी डोनर से राशि प्राप्त करना चाहता है। तो उसको एक परमिशन लेटर लेना होगा। डोनर एक लेटर देगा जिसपर ये लिखा होगा कि कितन विदेशी फण्ड दिया जा रहा है और किस काम के लिए दिया जा रहा है केंद्र  ने नियमों के  में बताते हुए ये भी कहा कि अगर विदेशी फंड 1 करोड़ से ज्यादा है तो उसे किस्तों में भी दिया जा सकता है। साथ में ये भी कहा कि बची हुई क़िस्त तभी दी जा सकेगी जब पहले दिए हुए फंड का 75 प्रतिशत उपयोग हो चुका होगा और उसके प्रमाण भी देने होंगें और उनकी जांच भी की जाएगी। 


क्या है छूट? 

इन सबके अलावा किसी भी संगठन को "राजनीतिक संगठन" घोषित करने वाले नियमों में सरकार ने कुछ छूट भी दी है, जब तक कि कोई किसान, छात्र श्रमिक और युवा संगठन किसी  सक्रिय राजनीति या पार्टी में भाग नहीं लेते हैं उन्हें राजनीतिक संगठन घोषित नहीं किया जायेगा। क्योंकि नियम के अनुसार कोई भी राजनीतिक संगठन विदेशी फंड प्राप्त नहीं कर सकता।

ये सभी नए नियम उन संशोधनों पर आधारित हैं जिन्हें केंद्र द्वारा संसद के आखिरी सत्र के लिए छोड़ दिया था। इस सभी नए बदलावों ने एफसीआरए, 2010 को और ज्यादा कठिन बना दिया है, नियमों के मुताबिक एक एनजीओ से दूसरे एनजीओ में फंड ट्रांसफर नहीं किया जा सकेगा, विदेशी फंड से प्रशासनिक खर्च में 50 से 20 % तक कमी की गई है, रजिस्ट्रेशन के लिए आधारकार्ड होना अनिवार्य है।

सरकार द्वारा अधिसूचित नए नियमों में, केंद्र ने नियम 9 में बदलाव किया है -  जिसमे रजिस्ट्रेशन करवाने या विदेशी फंड प्राप्त करने को लेकर पूर्व अनुमति लेने के बारे में है - जो एनजीओ के लिए इस प्रक्रिया को थोड़ा कठिन और कड़ा बनाता है।



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