पाकिस्तान के लिए जासूसी के आरोप में जवान गिरफ्तार, व्हाट्सएप से भेज रहा था खुफिया जानकारी

गुजरात आतंकवाद विरोधी दस्ते (एटीएस) ने सोमवार को कच्छ जिले के भुज में तैनात सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) के एक जवान को "पाकिस्तान के लिए जासूसी गतिविधियों को अंजाम देने" के आरोप में गिरफ्तार किया.

  • 950
  • 0

गुजरात आतंकवाद विरोधी दस्ते (एटीएस) ने सोमवार को कच्छ जिले के भुज में तैनात सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) के एक जवान को "पाकिस्तान के लिए जासूसी गतिविधियों को अंजाम देने" के आरोप में गिरफ्तार किया. एटीएस अधिकारियों ने बताया कि आरोपी सज्जाद मोहम्मद इम्तियाज जम्मू-कश्मीर के रजौरी जिले के सरुला गांव का रहने वाला है और कच्छ जिले के गांधीधाम में बीएसएफ की 74वीं बटालियन की 'ए' कंपनी में तैनात है. पाक सीमा. एटीएस के मुताबिक, सज्जाद 2012 में बीएसएफ में कॉन्स्टेबल के तौर पर शामिल हुआ था.

यह भी पढ़ें:  T20 लीग: 2 नई टीमों का ऐलान, लखनऊ और अहमदाबाद की आईपीएल में एंट्री 

गुजरात एटीएस की एक टीम ने सोमवार को सज्जाद को कच्छ भुज में बीएसएफ मुख्यालय से कथित तौर पर पैसे के बदले पाकिस्तान में एक हैंडलर को गुप्त सूचना भेजने के आरोप में गिरफ्तार किया था. एटीएस अधिकारियों ने कहा कि सज्जाद "व्हाट्सएप संदेशों के माध्यम से सूचना प्रसारित कर रहा था".


गुजरात एटीएस की ओर से जारी एक बयान में कहा गया है, 'हमें भरोसेमंद सूत्रों से इनपुट मिला था कि कच्छ गांधीधाम में बीएसएफ की 74वीं बटालियन में तैनात एक जवान अपने सेलफोन के जरिए पड़ोसी देश को बीएसएफ की गोपनीय और संवेदनशील सूचनाएं भेजने में शामिल है. आरोपी सज्जाद अपने आधार कार्ड में रजिस्टर्ड मोबाइल नंबर का इस्तेमाल कर रहा था. उसके पास जम्मू से पंजीकृत एक पासपोर्ट भी है, जिसका उपयोग करके उसने 1 दिसंबर, 2011 को अटारी रेलवे स्टेशन से समझौता एक्सप्रेस का उपयोग करके पाकिस्तान की यात्रा की थी. सज्जाद 1 दिसंबर, 2011 से 15 जनवरी, 2012 तक 46 दिनों की अवधि के लिए पाकिस्तान में रहा था.

यह भी पढ़ें:  प्रयागराज: रवींद्र बनें अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष, निर्मल अखाड़ा टूटा

इसमें आगे कहा गया है, "आगे की जांच में पता चला कि सज्जाद एक और सिम कार्ड और कॉल डिटेल रिकॉर्ड (सीडीआर) का इस्तेमाल कर रहा था और उसके हैंडसेट के आईएमईआई नंबर की जांच की गई जिससे पता चला कि सज्जाद ने 14 और 15 जनवरी 2021 को तीसरे सिम कार्ड का इस्तेमाल किया था. तीसरा सिम त्रिपुरा में एक सत्यपाल घोष के नाम से पंजीकृत था. तीसरे सिम के सीडीआर की जांच की गई तो पता चला कि यह नंबर 7 नवंबर, 2020 को एक्टिव हो गया था. शुरुआत में इस सिम पर मोबाइल नेटवर्क कंपनी से दो कॉल किए गए थे और यह 7, 8 और 9 नवंबर 2020 को एक्टिव था. सिम कार्ड तब 10 नवंबर, 2020 से 25 दिसंबर, 2020 तक निष्क्रिय था. इसके बाद 25 दिसंबर, 2020 को सिम फिर से सक्रिय हो गया और 15 जनवरी, 2021 को दोपहर लगभग 12:38 बजे, व्हाट्सएप पंजीकरण के लिए ओटीपी के साथ एक एसएमएस प्राप्त हुआ. यह सिम कार्ड तब निष्क्रिय हो गया था."

RELATED ARTICLE

LEAVE A REPLY

POST COMMENT