30 फाइटर जेट तैनाती की क्षमता, समुद्र में तैरता किला है INS Vikrant जानें खासियत

आज का दिन देश के लिए ऐतिहासिक दिन है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज भारतीय नौसेना को पहला स्वदेशी विमानवाहक पोत 'आईएनएस विक्रांत' सौंपेंगे.

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आज का दिन देश के लिए ऐतिहासिक दिन है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज भारतीय नौसेना को पहला स्वदेशी विमानवाहक पोत 'आईएनएस विक्रांत' सौंपेंगे. यह भारत के समुद्री इतिहास में बनाया गया अब तक का सबसे बड़ा जहाज है.

पीएम मोदी ने किया पोस्ट

'आईएनएस विक्रांत' रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भर भारत की एक चमचमाती किरण है. आईएनएस विक्रांत भारत के प्रमुख औद्योगिक घरानों के साथ-साथ 100 से अधिक एमएसएमई द्वारा आपूर्ति किए गए स्वदेशी उपकरणों और मशीनरी का उपयोग करके बनाया गया है. इसमें अत्याधुनिक ऑटोमेशन सुविधाएं हैं. आईएनएस विक्रांत के चालू होने के साथ, प्रधान मंत्री नए नौसेना ध्वज का अनावरण करेंगे. इसे पीएम मोदी ने आधिकारिक ट्विटर हैंडल से भी पोस्ट किया है. जिसमें लिखा है, 2 सितंबर भारत के रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनने के प्रयासों के लिए एक ऐतिहासिक दिन है. पहले स्वदेशी रूप से डिजाइन और निर्मित विमानवाहक पोत आईएनएस विक्रांत को चालू किया जाएगा. नए नौसेना पताका का भी अनावरण किया जाएगा.


आत्मनिर्भरता की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम

भारतीय नौसेना के वाइस चीफ, वाइस एडमिरल एसएन घोरमडे ने पहले कहा था, आईएनएस विक्रांत हिंद प्रशांत और हिंद महासागर क्षेत्र में शांति और स्थिरता सुनिश्चित करने में योगदान देगा. आईएनएस विक्रांत नवंबर में चालू हो जाएगा, जो 2023 के मध्य तक पूरा हो जाएगा. मिग-29 जेट को पहले कुछ वर्षों के लिए युद्धपोत से संचालित किया जाएगा. आईएनएस विक्रांत का चालू होना रक्षा क्षेत्र में भारत की आत्मनिर्भरता की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम होगा.


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