Bilkis Bano case में SC का बड़ा फ़ैसला, आरोपी फिर जाएंगे सलाखों के पीछे?

2002 के गुजरात दंगों से जुड़े बिलकिस बानो केस में सुप्रीम कोर्ट ने क्या कहा? क्या उनके दोषी फिर लौटेंगे सलाखों के पीछे? सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले के बाद क्या राजनीतिक गलियारों में फिर शुरू होगा पलटवार का सिलसिला?

Bilkis Bano
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2002 के गुजरात दंगों से जुड़े बिलकिस बानो केस में सुप्रीम कोर्ट ने क्या कहा? क्या उनके दोषी फिर लौटेंगे सलाखों के पीछे? सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले के बाद क्या राजनीतिक गलियारों में फिर शुरू होगा पलटवार का सिलसिला? क्या होगा उन 11 अरोपियों का जिन्होनें इस घिनौनी हरकत को दिया था अंजाम?

नमस्कार मैं हूं हिमानी, या आप देख रहे हैं इंस्टाफीड। बिलकिस बानो के केस से शायद ही कोई परिचित न हो। 2002 में मुस्लिम विरोधी दंगों के दौरन 21 वर्षीया बिलकिस 5 महीने की गर्भवती थीं, जब उनके साथ दुष्कर्म किया गया। यहीं नहीं, बाल्की उनकी 3 साल की बेटी साहित घर के 7 जनवरी को मार दिया गया। सारे 11 दोशियों को सजा मिलने के बाद 2 साल पहले 15 अगस्त 2022 में गुजरात सरकार ने उन्हें रिहा कर दिया। इसके बाद विपक्ष ने जामकर बीजेपी पर हमला बोला या अब फिल्हाल दोशियों के दोबारा सलाखों के पीछे जाने की बात पर दोबारा राजनीति उलट-पलट शुरू हो जाएगी।

सुप्रीम कोर्ट ने क्या कहा?

जस्टिस बीवी नागरत्ना द्वारा हेड की गई सुप्रीम कोर्ट की 2 जजों की बेंच ने कहा कि इस केस में रिमिशन ऑर्डर पास करने के लिए गुजरात सक्षम नहीं था। ऐसा इसलिए क्योंकि अरोपियों को पड़ोसी राज्य महाराष्ट्र में अपराधी घोषित किया गया था। बेंच ने ये भी कहा कि सरकार का माफी आदेश रद्द किया जा चुका है, इसलिए सारे 11 आरोपियों को 2 हफ्ते के अंदर जेल लौट जाना चाहिए। न्यायमूर्ति नागरत्ना ने कहा, "न्याय के सांचे में सिर्फ अपराध ही नहीं बल्कि पीड़ितों के अधिकार भी आते हैं या अदालत का प्राथमिक कर्तव्य है न्याय कायम रखना या कानून को बनाना।" साथ ही वो भी बोले कि, "बिना रिश्तों की परवाह किए हुए कानून के शासन को किसी भी कीमत पर सुरक्षित रखना चाहिए।"

क्या बोला गया?

कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी ने सुप्रीम कोर्ट के फैसले की तारीफ करते हुए कहा कि इस फैसले ने बीजेपी की महिला विरोधी नीतियों पर नकाब हटा ही दिया। सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर पोस्ट करते हुए कांग्रेस नेता ने कहा, “आखिरकार न्याय की जीत हुई…इस आदेश के बाद जनता का न्याय व्यवस्था के प्रति विश्वास या मजबूत होगा।” मैं बिलकिस बानो को बहादुरी से अपनी लड़ाई जारी रखने के लिए बधाई देती हूं।”

उनके भाई या कांग्रेस नेता राहुल गांधी भी पीछे नहीं रह रहे हैं या इस ऐतिहासिक फैसले पर बोले कि चुनावी फैसले के लिए न्याय की हत्या की प्रवृत्ति लोकतांत्रिक व्यवस्था के लिए खतरनाक है। आज सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले ने एक बार फिर भारत को बताया कि अपराधों की रक्षा कौन करता है। बिलकिस बानो का अथक संघर्ष, घमंडी बीजेपी सरकार के विरुद्ध न्याय की जीत दरशाता है।

सुप्रीम कोर्ट ने ये भी कहा कि 2022 में समय से पहले रिलीज के आदेश के लिए अप्रैल में उन्हें दिखाया गया था कि दस्तावेज धोखाधड़ी या गुमराह करने वाले टैथ्यों से भरे हुए थे। कहने की जरूरत नहीं है कि बिलकिस बानो के मामले में आया ये फैसला कानून व्यवस्था में कम या राजनीति में ज्यादा गंभीर मामला बड़ा चुका है।

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