जोशीमठ में आज ढ़हाए जाएंगे क्षतिग्रस्त होटल, कम मुआवजे से नाराज लोग धरने पर बैठे

उत्तराखंड के जोशीमठ के जिन घरों में ज्यादा दरारें आईं हैं उन भवनों को जमींदोज करने का काम आज से शुरू हो जाएगा. इस अभियान के तहत उन होटल्स, घरों और भवनों को ढहाया जाएगा, जिन्हें रहने के लिए असुरक्षित घोषित किया जा चुका है.

  • 275
  • 0

उत्तराखंड के जोशीमठ में 700 घरों में  बड़ी बड़ी दरारें पड़ गई हैं. घरों में पड़ी दरारे सिर्फ दरारे नहीं हैं बल्कि यह त्रासदी है जो सैकड़ों जिंदगियों के सामने अंधेरा ला दिया है. खतरे की जद में आए मकान को खाली करने के लिए कह दिया गया है. 

जिन घरों में ज्यादा दरारें आईं हैं उन भवनों को जमींदोज करने का काम आज से शुरू हो जाएगा. इस अभियान के तहत उन होटल्स, घरों और भवनों को ढहाया जाएगा, जिन्हें रहने के लिए असुरक्षित घोषित किया जा चुका है. कार्रवाई की शुरुआत दो होटल्स से होगी. सबसे पहले होटल मलारी इन और माउंट व्यू को ढहाया जाएगा. इन दोनों में दरारें आ चुकी हैं. दोनों होटल पीछे की तरफ झुक रहे हैं. बुधवार से इन होटलों को गिराने का काम शुरू होगा. डीएम ने कहा कि बुधवार सुबह 9:30 बजे मीटिंग के बाद कार्रवाई तय होगी. 

बेहतर मुआजबे के लिए रोड पर उतरे लोग 

जोशीमठ में पीड़ितों का विरोध प्रदर्शन लगातार जारी है और स्थानीय लोग बेहतर मुआवजे की मांग पर अड़े हैं. दरअसल प्रशासन ने पूरी तरह क्षतिग्रस्त मकानों को ढहाने के लिए 1 लाख 30 हजार रुपये का मुआवजा तय किया है. जिंदगी भर की कमाई से बने मकान को ढहाने का मुआवजा केवल 1.3 लाख तय किए जाने से लोग उखड़ गए हैं और उन्होंने सड़कों पर उतरकर इसका विरोध शुरू कर दिया है. लोगों का कहना है कि बुधवार को होटल तभी गिराने दिया जाएंगे, जब उनके लिए उचित मुआवजे की घोषणा हो जाएगी. 

मलारी होटल में दरारें आने के बाद होटल के मालिक व उनके परिजन मुआवजे की मांग को लेकर होटल के बाहर बैठे हैं. उन्होंने कहा कि, "मैं अपने लिए यहां नहीं बैठा हूं, मेरा बेटा फ्रांस में रहता है...मैं तो वहां चला जाऊं लेकिन मैं यहां के लोगों के लिए बैठा हूं. 

निर्णय आने के बाद होगी कार्रवाई

SDRF एम. मिश्रा ने कहा कि, हम लोग होटल को ध्वस्त करने जा रहे थे मगर होटल के मालिक कुछ मांग उठा रहे हैं. हम CDO चमोली के द्वारा इनसे बात कर रहे हैं. इसमें निर्णय आने के बाद हम कार्रवाई करेंगे.

7 तारीख के बाद नई दरारें नहीं आई हैं: CM सचिव

मुख्यमंत्री के सचिव आरएम सुंदरम, ने कहा कि हम पानी रिसाव की मात्रा को लगातार माप रहे हैं और ये रोज घट रहा है..रविवार को ये 570 LPM था और कल ये घटकर 250 LPM हो गया. 7 तारीख के बाद नई कोई दरारें विकसित नहीं हुई हैं, ये अच्छी बात है.

सीएम धामी ने अपना 1 महीने का वेतन दान दिया

लोगों ने कहा कि वे बचे रह गए लोगों, संघर्ष समिति के पदाधिकारियों और अधिकारियों के साथ बुधवार को बैठक करेंगे. जब तक सरकार मुआवजा तय नहीं कर देती, तब तक मकानों को ध्वस्त नहीं होने दिया जाएगा. उधर लोगों के बढ़ते विरोध के बीच मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने जोशीमठ पीड़ितों की सहायता के लिए अपने एक माह का वेतन  मुख्यमंत्री राहत कोष में दान दिया है. मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार जोशीमठ प्रभावितों के साथ है और उन्हें राहत पहुंचाने के लिए हर संभव कदम उठाए जा रहे हैं. 

अब तक 723 मकानों में आ चुकी है दरार 

वहीं जोशीमठ में दरार वाले भवनों की संख्या और बढ़ गई है. अब जोशीमठ के 723 भवनों में दरार हो चुकी है. उनमें से 131 परिवारों को सुरक्षित स्थान पर शिफ़्ट किया जा चुका है. प्रशासन के अधिकारियों का कहना है कि जोशीमठ के किसी भी भवन पर बुलडोजर नहीं चलेगा. मजदूरों और ड्रिलर के जरिए ही भवनों को गिराया जाएगा. इसी बीच हालात की गंभीरता को देखते हुए नेशनल क्राइसिस मैनेजमेंट कमेटी भी एक्टिव हो गई है. कमेटी की मंगलवार को हुई बैठक में तय किया गया कि प्रभावित इलाकों से पीड़ितों की सुरक्षित शिफ्टिंग पहली प्राथमिकता रहेगी. इसके बाद सुरक्षित तरीके से क्षतिग्रस्त भवनों को ढहाने का काम शुरू होगा. 

RELATED ARTICLE

LEAVE A REPLY

POST COMMENT