पहलवानों को सुप्रीम कोर्ट का निर्देश, FIR की मांग पूरी हो गई, अब हाईकोर्ट या निचली अदालत जाएं

पहलवानों के वकील ने कहा, आरोपी पीड़ितोओं की पहचान मीडिया में उजागर कर रहा है. सुप्रीम कोर्ट ने कहा हमारी याचिका एफआईआर दर्ज करवाने के लिए थी और उन्होंने हमें सुरक्षा भी मुहैया कराई.

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सुप्रीम कोर्ट ने WFI के चीफ बृजभूषण के खिलाफ महिला रेसलर्स की याचिका की सुनवाई गुरुवार को बंद कर दी. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि, आपने एफआईआर दर्ज होने की मांग की थी. जो अब दर्ज हो गई है. अब अगर कोई परेशानी है तो आप हाईकोर्ट या निचली अदालत जा सकते हैं. बता दें कि पहलवानों ने सुप्रीम कोर्ट का रुख उस समय किया, जब दिल्ली पुलिस पहलवानों का FIR नहीं दर्ज कर रही थी. इसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली पुलिस से जवाब मांगा था. 

जांच में मॉनिटरिंग जरूरी; पहलवानों के वकील  

वहीं, पहलवानों के वकील ने कहा, आरोपी पीड़िताओं की पहचान मीडिया में उजागर कर रहा है. सुप्रीम कोर्ट ने कहा हमारी याचिका एफआईआर दर्ज करवाने के लिए थी और उन्होंने हमें सुरक्षा भी मुहैया कराई, इसके अलावा अगर हमारी कोई समस्या हो तो हम हाईकोर्ट या मजिस्ट्रेट की अदालत में जा सकते हैं.

वकील ने कहा जांच की मॉनिटरिंग जरूरी है. क्योंकि दिल्ली पुलिस आरोपी के खिलाफ FIR दर्ज करने को तैयार नहीं थी, और न हीं वो पीड़िताओं के बयान दर्ज करने के लिए तैयार थे. वकील आगे कहा कि हमें उम्मीद थी कि सुप्रीम कोर्ट के रिटायर्ड जज इस केस की  मॉनिटरिंग करेंगे लेकिन कोर्ट ने केस बंद कर  दिया. 

दिल्ली पुलिस और पहलवानों के बीच हुई थी झड़प 

उधर, सुप्रीम कोर्ट का फैसला ऐसे मौके पर आया है जब एक दिन पहले दिल्ली पुलिस और जंतर मंतर पर धरना दे रहे पहलवानों के बीच झड़प हुई थी. बुधवार की रात हुई इस झड़प में पहलवान राकेश यादव और विनेश फोगाट के भाई को चोटें आईं. वहीं दिल्ली पुलिस ने सफाई देते हुए कहा कि पहलवानों पर बल प्रयोग नहीं किया गया है.  

सरकार को मेडल्स लौटाएंगे पहलवान

गौरतलब है कि पहलवान लगातार 12 दिनों से धरना प्रदर्शन कर रहे हैं. एफआईआर दर्ज होने के बाद भी दिल्ली पुलिस की तरफ से कोई कदम नहीं उठाया गया. अब पहलवानों का कहना है कि हम सभी मेडल्स भारत सरकार को लौटा देंगे.


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