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हिमाचल: मां बज्रेश्वरी मंदिर में किया गया सबसे बड़ा दान, 4.5 किलो चांदी और 30 किलो चांदी से सजाया सिंहासन

माता श्री बज्रेश्र्वरी देवी के एक भक्त ने माता के सिंहासन को सोने-चांदी से सुशोभित किया है. इसमें भक्त ने करीब 4 किलो सोना और 30 किलो चांदी का इस्तेमाल किया है.

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By Asna | ट्रेवल - 19 April 2021

चैत्र नवरात्र का दौर चल रहा है, हर तरह आस्था देखने को मिल रही है. चैत्र नवरात्रि में हिमाचल प्रदेश के कांगड़ा जिले में स्थित शक्तिपीठ में दूर-दूर से भक्त आते हैं और अपनी श्रद्धा के अनुसार चढ़ावा भी माता के चरणों में अर्पित करते हैं. 

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वही माता श्री बज्रेश्र्वरी देवी के एक भक्त ने माता के सिंहासन को सोने-चांदी से सुशोभित किया है. इसमें भक्त ने करीब 4 किलो सोना और 30 किलो चांदी का इस्तेमाल किया है. माता रानी के सिंहासन में प्रथम पुज्य गणेश जी की प्रतिमा के अलावा सूर्य देवता भी सुशोभित किए गए हैं . सोने का सिंहासन दान करने वाले भक्त ने मातारानी की रात्रि शैया के लिए चांदी जड़ित पलंग भी देवी चरणों में अर्पित किया है. 

मंदिर में आकर भक्त की परेशानी हो जाती है दूर

51 शक्तिपीठों में से एक हिमाचल के कांगड़ा जिले में स्थित ब्रजेश्र्वरी देवी का मंदिर का प्रसिद्ध है. यहां माता भगवान शिव के रुप भैरव नाथ के साथ विराजमान हैं. पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, यहां माता सती का दाहिना वक्ष गिरा था. मां का यह धाम नरगकोट के नाम से भी प्रसिद्ध है. इस मंदिर का वर्णन दुर्गा स्तुति में किया गया है. मंदिर के पास में ही बाण गंगा है, जिसमें स्नान करने का विशेष महत्व है. इस मंदिर में सालभर भक्त मां के दरबार में आकर भक्त की आशीर्वाद प्राप्त करते हैं, लेकिन नवरात्र के दिनों मंदिर की शोभा देखने लायक होती है. मंदिर में आकर भक्त की हर तकलीफ दर्शन मात्र से दूर हो जाती है. 

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थर्मल स्कैनिंग और पंजीकरण के बाद ही प्रवेश

इन दिनों सुबह पांच बजे मंदिर खुलते ही अन्य राज्यों के श्रद्धालु मां के दर नतमस्तक होने शुरु हो जाते हैं दोपहर तक सैकड़ों श्रद्धालु मां का आशीर्वाद प्राप्त कर लेते हैं. मंदिर अधिकारियों की मानें तो मंदिर में आने वाले श्रद्धालुओं की थर्मल स्कैनिंग और पंजीकरण के बाद ही गर्भ गृह में प्रवेश करवाया जा रहा है. पिछले दिनों सैलाब में भारी कमी रही अब आने वाले दिनों में आस्था के सैलाब में बढ़ोतरी की उम्मीद है. 

 

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