जंतर मंतर पर पहुंचे भारतीय पहलवान, जानिए क्या है मांग

जब भारत के दिग्गज पहलवान जंतर-मंतर पहुंचे तो पूरा देश हैरान रह गया. विनेश फोगट, बजरंग पुनिया और साक्षी मलिक जैसे दिग्गज खिलाड़ियों ने भारतीय कुश्ती महासंघ के अध्यक्ष बृजभूषण शरण और कोच पर यौन उत्पीड़न समेत कई गंभीर आरोप लगाए थे.

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जब भारत के दिग्गज पहलवान जंतर-मंतर पहुंचे तो पूरा देश हैरान रह गया. विनेश फोगट, बजरंग पुनिया और साक्षी मलिक जैसे दिग्गज खिलाड़ियों ने भारतीय कुश्ती महासंघ के अध्यक्ष बृजभूषण शरण और कोच पर यौन उत्पीड़न समेत कई गंभीर आरोप लगाए थे. इसके तुरंत बाद जांच कमेटी का गठन किया गया. जांच कमेटी ने अपनी रिपोर्ट भी तैयार की, लेकिन धरने में शामिल पहलवानों को इसकी जानकारी नहीं दी गई. इससे वह निराश हो गया और अब फिर जंतर-मंतर पहुंचा.

कार्रवाई का आश्वासन

23 अप्रैल को धरने पर बैठने पहुंचे पहलवानों ने खेल मंत्रालय पर अपने वादों से मुकरने का आरोप लगाया. पहलवानों ने कहा कि सरकार ने उनके साथ धोखा किया है, उन्हें एक माह में कार्रवाई का आश्वासन दिया गया था लेकिन अब तीन माह बीत जाने के बाद भी जांच रिपोर्ट सार्वजनिक नहीं की गयी है. साथ ही कहा कि पहलवानों को सरकार द्वारा दिया गया आश्वासन झूठा निकला. सरकार ने पहलवानों को धोखा दिया है.

सच्चाई की लड़ाई

भारत के लिए पदक जीतने वाले एथलीटों के भी आंसू छलक पड़े. साक्षी और विनेश रोते हुए कहा कि पहलवानों को अब झूठा बताया जा रहा है जबकि वह सच्चाई की लड़ाई लड़ी जा रही हैं. जब तक कोई फैसला नहीं आता वह फिर से धरना प्रदर्शन जारी रखेंगे. पहलवानों ने कहा WFI ताकतवर है तो क्या उन्हें इंसाफ नहीं मिलेगा?

आरोपों की जांच

पहलवानों का प्रदर्शन जनवरी में तीन दिनों तक चला. पहलवानों ने खेल मंत्री अनुराग ठाकुर से बातचीत के बाद हड़ताल खत्म की. उस समय बृजभूषण शरण सिंह को कुश्ती संघ के अध्यक्ष पद से अस्थायी रूप से हटा दिया गया था और उन पर लगे आरोपों की जांच के लिए एक समिति गठित की गई थी.

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