कभी मत कीजिए सिगरेट की सेकंड हैंड स्मोकिंग, हो सकती है दिल की हालत खराब

आजकल हार्ट अटैक के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं। कम उम्र में भी लोग हार्ट अटैक का शिकार हो रहे हैं। इसका सबसे बड़ा कारण अनियमित जीवनशैली और गलत आदतें हैं।

प्रतीकात्मक तस्वीर
  • 152
  • 0

आजकल हार्ट अटैक के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं। कम उम्र में भी लोग हार्ट अटैक का शिकार हो रहे हैं। इसका सबसे बड़ा कारण अनियमित जीवनशैली और गलत आदतें हैं। धूम्रपान भी इसका एक कारण है। आजकल बड़ी संख्या में युवा धूम्रपान का शिकार हो रहे हैं। जिसका असर उम्र बढ़ने के साथ उनके स्वास्थ्य पर पड़ता है। धूम्रपान सिर्फ फेफड़ों के लिए ही नहीं बल्कि पूरी सेहत के लिए खतरनाक है। इसका हृदय पर नकारात्मक प्रभाव पड़ता है। यही कारण है कि व्यक्ति को धूम्रपान से दूर रहना चाहिए और सही जीवनशैली अपनानी चाहिए।

हृदय रोग का सबसे बड़ा कारण

धूम्रपान कार्डियोवैस्कुलर डिजीज यानी हृदय रोग का सबसे बड़ा कारण है। हृदय रोग से होने वाली हर चार में से एक मौत धूम्रपान के कारण होती है। धूम्रपान करने से शरीर में ट्राइग्लिसराइड यानी एक प्रकार का फैट बढ़ता है। इससे शरीर में अच्छे कोलेस्ट्रॉल की मात्रा भी कम हो जाती है। यह खून को चिपचिपा बनाता है, जिससे खून आसानी से जम जाता है। इससे हृदय और मस्तिष्क तक रक्त का प्रवाह अवरुद्ध हो जाता है।

कोशिकाओं को नुकसान

धूम्रपान रक्त वाहिकाओं की परत वाली कोशिकाओं को नुकसान पहुंचाता है। इससे रक्तवाहिकाओं में प्लाक बन जाता है। ऐसे में रक्त वाहिकाएं सिकुड़ने लगती हैं और रक्त प्रवाह धीमा हो जाता है। अगर हृदय तक पर्याप्त मात्रा में रक्त नहीं पहुंचे तो दिल का दौरा और स्ट्रोक जैसी समस्याएं हो सकती हैं।

कोरोनरी हृदय रोग का खतरा

धूम्रपान की तरह सेकेंड हैंड धूम्रपान भी हृदय स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है। तंबाकू उत्पाद को जलाने के बाद सेकेंड हैंड धुंआ निकलता है और सांस के जरिए अंदर ले लिया जाता है। सेकेंड हैंड धुएं में सांस लेने से कोरोनरी हृदय रोग का खतरा बढ़ जाता है। धूम्रपान न करने वाले जो निष्क्रिय धूम्रपान करते हैं उनमें हृदय रोग का खतरा 25 से 30 प्रतिशत अधिक होता है। सेकेंड हैंड धूम्रपान से स्ट्रोक का खतरा लगभग 20 से 30% तक बढ़ जाता है।

RELATED ARTICLE

LEAVE A REPLY

POST COMMENT