लोगों के दिल से कोई नहीं निकाल सकता: नितिन पटेल

एक महीने पहले 16 अगस्त को भारतीय जनता पार्टी के तरफ से ये फैसला लिया गया था कि 2022 के आगामी चुनाव में विजय रुपानी-नितिन पटेल की जोड़ी नेतृत्व करेगी, लेकिन 27 दिन बाद ही इस फैसले का अंत हो गया

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गुजरात में काफी हलचल मची हुई है.जैसा कि इस बात का अनुमान लोगों के मन में आ चुका होगा कि जब से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुजरात छोड़ दिल्ली में रहकर देश की कमान संभाली है तब से गुजरात की मुख्य गद्दी पर कोई भी नेता स्थिर से नहीं बैठ पाया है.

लगभग एक महीने पहले 16 अगस्त को भारतीय जनता पार्टी के तरफ से ये फैसला लिया गया था कि 2022  के आगामी चुनाव में विजय रुपानी-नितिन पटेल की जोड़ी नेतृत्व करेगी, लेकिन 27 दिन बाद ही इस फैसले का अंत हो गया. फैसला लेते वक़्त पटेल ने कहा था कि दोनों मिलकर बहुत ही उम्दा काम कर रहे है इसलिए ये फैसला लिया गया है कि आने वाले चुनाव में दोनों मिलकर लड़ेंगे.वही जब पूर्व मुख्यमंत्री ने इस्तीफा दिया और उसके बाद नरेंद्र मोदी और अमित शाह ने भूपेंद्र पटेल को मुख्यमंत्री बनाने का फैसला किया तब से ये माना जा रहा है कि उपमुख्यमंत्री नितिन पटेल इस फैसले से ना खुश है. 

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मुख्यमंत्री के दौर में सबसे आगे नितिन पटेल को ही माना जा रहा था लेकिन दूसरी तरफ नितिन पटेल इन सब बातों को बेकार की बातें बोल रहे है. उन्होंने कहा कि वह रविवार को भाजपा के गुजरात प्रभारी भूपेंद्र यादव की अनुमति के बाद ही पार्टी कार्यालय से निकले थे. भूपेंद्र पटेल जब विजय रूपाणी के साथ सरकार गठन का दावा करने राज्यपाल आचार्य देवव्रत से मिलने गए तब उपमुख्यमंत्री साथ में उनके नहीं थे. 

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हालांकि नितिन पटेल जब मेहसाणा की एक सभा में अपनी भाषण लोगों के सामने दे रहे थे तब उन्होंने ये कहा कि 'जब मैं यहां आ रहा था तो टीवी पर बहुत सी चीजें चल रही थीं. मैं आपको बताना चाहता हूं कि जब तक मैं अपने लोगों, मतदाताओं और पार्टी कार्यकर्ताओं के दिलों में हूं, कोई मुझे बाहर नहीं निकाल सकता. मैं अतीत में काफी समय तक (कांग्रेस शासन में) विपक्ष में था.' वो मेहसाणा में एक सड़क और सिविल अस्पताल में स्थापित एक ऑक्सीजन संयंत्र का उद्घाटन करने के लिए वहां पहुंचे थे. उन्होंने ये भी कहा कि  'मैं अटकलों से परेशान नहीं हूं. भूपेंद्र भाई हमारे अपने हैं. मुझे एक विधायक के रूप में अपने कार्यालय का उद्घाटन करने के लिए आमंत्रित किया. वह मेरे दोस्त हैं. मुझे परवाह नहीं है कि लोग क्या कहते हैं या सोचते हैं. लेकिन, मैं खतरे में नहीं हूं. क्यों? आपकी वजह से. मेरा अस्तित्व आपके लिए है. 

हालांकि अभी ये संशय बनी हुई है कि भूपेंद्र पटेल की सरकार में नीतील पटेल उपमुख्यम्नत्री के पद पर बने रहेंगे या वो भी अपने पद से इस्तीफा दे देंगे. इसको लेकर अटकलें जारी है.

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