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AIMIM के अध्यक्ष असदुद्दिन ओवैसी अपने बेबाक भाषण के चलते काफी मशहूर हैं. शुक्रवार को असदुद्दिन ओवैसी अपनी पार्टी के प्रत्याशी साबिर के लिए वोट मांगने के लिए जमालपुर पहुंचे थे. इस दौरान रैली को संबोधित करते हुए ओवैसी अचानक रो पड़े. रोते हुए ओवैसी ने लोगों से अपील की कि वो साबिर को वोट दें और विधानसभा में जिताएं. ताकि दोबारा किसी बिलकिस के साथ अन्याय न हो. ओवैसी यहीं नहीं रुकें, उन्होंने हाल ही में गरबा में पथराव करने वाले की सरेआम लाठी से पिटाई का मामला भी जोड़ दिया.
भावुक होकर ओवैसी ने कही ये बात
गुजरात के पहले चरण का मतदान 1 दिसंबर को हो गया है, दूसरे चरण का मतदान 5 दिसंबर को होने है. दूसरे चरण के प्रचार के लिए ओवैसी जमालपुर में पहुंचे थे. इस दौरान पार्टी के उम्मीदवार साबिर के लिए वोट मांग रहे थे. रैली को संबोधित करते हुए ओवैसी ने भावुक हो गए और बोले, दुआ की कि अल्लाह साबिर को जीत दिला दे. ओवैसी ने रोते दुआ की कि साबिर जीत जाए ताकि दोबारा बिलकिस बानो जैसे हादसे ना हों.
विपक्षी दलों को ओवैसी का जवाब
विपक्षियो की तरफ से ओवैसी की पार्टी AIMIM को भारतीय जनता पार्टी की बी टीम बताए जाने के पर ओवैसी ने जवाब दिया है. उन्होंने कहा कि उनकी पार्टी बीजेपी का मदद नहीं करती है बल्कि कांग्रेस और आप करती हैं. हालांकि विपक्ष उन पर आरोप ये लगाते हैं कि ओवैसी के कारण बीजेपी को फायदा हो रहा है. मुस्लिम समुदाय से ओवैसी ने एआईएमआईएम कैंडिडेट्स को वोट देकर अपना खुद का नेतृत्व बनाने की बात कही.
विरोधी दलों पर ओवैसी का हमला
बता दें कि ओवैसी का फोकस इस समय गुजरात में हो रहे विधानसभा चुनाव के अलावा दिल्ली में हो रहे एमसीडी चुनाव पर भी है. ओवैसी अपने रैली में विपक्षी दलों पर लगातार हमलावर बने हुए हैं. हाल ही में ओवैसी ने कहा था कि फरवरी 2020 में हुए नॉर्थ इस्ट दिल्ली में दिल्ली में जब दंगे हुए थे.वो संशोधित नागरिकता कानून (CAA) के खिलाफ शाहीन बाग में हो रहे प्रदर्शन के खिलाफ थे. जब लोग कोरोना महामारी में परेशान थे. बेड और आक्सीजन की कमी से जिंदगी और मौत के बीच जूझ रहे थे तब दिल्ली के सीएम ने तब्लीगी जमात को कोविड-19 फैलने का जिम्मेदार ठहराया था. तब्लीगी जमात को उन्होंने बदनाम किया.
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