राज्यसभा में PM का विपक्ष पर तीखा प्रहार; बोले- देश देख रहा है कि अकेला कितनों को भारी पड़ रहा है

राज्यसभा में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि यह सदन राज्यों का सदन है बीते दशकों में अनेक बुद्धिजीवियों ने इस सदन से देश को नई दिशा देने का काम किया है. पीएम कहा सदन में ऐसे लोग भी बैठे हैं. जिन्होंने अपने जीवन में कई सिद्धियां प्राप्त की है.

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज (गुरुवार को)  राज्यसभा में राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर चर्चा का जवाब दे रहे हैं. इस दौरान पीएम मोदी के बोलते ही विपक्षी दलों ने अदानी के मुद्दे पर हंगामा शुरु कर दिया. हंगामे को नजर अंदाज करते हुए  PM ने कहा- सदन में जो भी बात होती है, उसे देश गंभीरता से सुनता है और गंभीरता से लेता है.

ये दुर्भाग्य पूर्ण है कि कुछ लोगों की वाणी न सिर्फ सदन को, बल्कि देश को निराश करने वाली है. पीएम ने आगे कहा कि माननीय सदस्यों को मैं कहूंगा कि 'कीचड़ उसके पास था मेरे पास गुलाब... जो भी जिसके पास था उसने दिया उछाल'. जितना कीचड़ उछालोगे कमल उतना ज्यादा खिलेगा. कमल खिलाने में प्रत्यक्ष या परोक्ष आपका जो भी योगदान है, इसके लिए मैं उनका भी आभार व्यक्त करता हूं.

अनेक बुद्धिजीवियों ने इस सदन से देश को दिशा दिया; PM

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि यह सदन राज्यों का सदन है बीते दशकों में अनेक बुद्धिजीवियों ने इस सदन से देश को नई दिशा देने का काम किया है. सदन में ऐसे लोग भी बैठे हैं. जिन्होंने अपने जीवन में कई सिद्धियां प्राप्त की है. इसलिए सदन में होने वाली बातों को देश गंभीरता से सुनता है.

खरगे को पीएम मोदी का जवाब 

पीएम मोदी ने मल्लिकार्जुन खरगे पर हमला बोलते हुए कहा कि कल खरगे जी शिकायत कर रहे थे कि मोदी जी बार-बार मेरे चुनावी क्षेत्र में आते हैं. मैं उन्हें कहना चाहता हूं मैं आता हूं वह तो आपने देखा लेकिन आप यह भी देखें कि वहां 1 करोड़ 70 लाख जनधन बैंक अकाउंट खुले हैं. सिर्फ कलबुर्गी में ही 8 लाख से ज़्यादा जनधन खाते खुले हैं.

पीएम ने आगे कहा कि इसे देखकर उनकी (मल्लिकार्जुन खड़गे) पीड़ा मैं समझ सकता हूं. आप दलित की बात करते हैं यह भी देखें कि उसी जगह दलित को चुनाव में जीत भी मिली. अब आपको जनता ही नकार दे रही है तो आप उसका रोना यहां रो रहे हैं. उन्होंने कहा कांग्रेस को बार-बार देश की जनता नकार रही है लेकिन कांग्रेस और उसके साथी अपनी साजिशों से बाज़ नहीं आ रही है. लेकिन जनता इसे देख रही है और उनको हर मौके पर सज़ा भी दे रही है.

हमने 25 करोड़ से ज़्यादा परिवारों तक गैस कनेक्शन पहुंचाया: PM मोदी

पीएम ने विपक्ष पर हमला बोलते हुए कहा कि कोई भी जब सरकार में आता है वह देश के लिए कुछ वादा करके आता है लेकिन सिर्फ भावनाएं व्यक्त करने से बात नहीं बनती है. जैसे कभी कहा जाता था गरीबी हटाओ, लेकिन 4 दशक में कुछ नहीं हुआ. विकास की गति क्या है, विकास की नीव, दिशा, प्रयास और परिणाम क्या है यह सब बहुत मायने रखता है.

हमारी सरकार बनने के बाद हमारी प्राथमिकता हमारे देश के नागरिक थे. इसलिए हमने 25 करोड़ से ज़्यादा परिवारों तक गैस कनेक्शन पहुंचाया. इसमें हमें नए इंफ्रास्ट्रक्चर और धन खर्च करना पड़ा. 18,000 से ज़्यादा गांव ऐसे थे जहां बिजली नहीं पहुंची थी. समय सीमा के साथ हमने 18,000 गांव में बिजली पहुंचाई. 

भेदभाव की सारी गुंजाइश खत्म की: पीएम 

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि हमने सैचुरेशन का रास्ता चुना अर्थात शत प्रतिशत लाभार्थी को लाभ पहुंचे. सरकार इस राह पर काम कर रही है. सैचुरेशन का मतलब होता भेदभाव की सारी गुंजाइश खत्म करना. यह तुष्टीकरण की आशंकाओं को खत्म कर देता है. 110 ऐसे आकांक्षी जिले हैं जहां बहुल संख्या आदिवासी की है उन्हें योजनाओं का सीधा लाभ मिला है.

यहां के शिक्षा, इंफ्रास्ट्रक्चर पर फोकस किया गया. बजट में शेड्यूल ट्राइब कंपोनेंट फंड के तहत 2014 के पहले की तुलना में 5 गुना अधिक वृद्धि हुई है. इतना ही नहीं हमने रेहड़ी-ठेले पटरी वालों की चिंता की. PM स्वनिधि और PM विकास योजना के जरिए हमने समाज के एक बड़े वर्ग का सामर्थ्य बढ़ाने का काम किया है.

कांग्रेस ने 90 बार चुनी हुई राज्य सरकारें गिराईं

पीएम ने आगे कहा कि जो विपक्ष में बैठे हैं, उन्होंने राज्यों के अधिकारों की धज्जियां उड़ा दीं. कौन सत्ता में थे, कौन पार्टी थी, जिन्होंने आर्टिकल 357 का इस्तेमाल किया. 90 बार चुनी हुई सरकारों को गिरा दिया. कौन है वो. किन्होंने ये किया. इतना ही नहीं एक प्रधानमंत्री ने आर्टिकल 356 का 50 बार उपयोग किया. वो हैं इंदिरा गांधी। 50 बार सरकारों को गिरा दिया. 

देश देख रहा है अकेला कितनों पर भारी पड़ रहा है

पीएम ने आगे कहा कि देश देख रहा है कि एक अकेला कितनों को भारी पड़ रहा है. उनके (विपक्षी दलों के) पास पर्याप्त नारे नहीं हैं और उन्हें अपने नारे बदलने होंगे. मैं देश के लिए जी रहा हूं. 



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