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केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड ने सभी संबद्ध स्कूलों के लिए नोटिस जारी किया है. इसमें उनसे शैक्षणिक सत्र एक अप्रैल से शुरू करने का आग्रह किया गया है न कि उससे पहले सीबीएसई ने स्कूल प्रमुखों से 1 अप्रैल से 31 मार्च तक के शैक्षणिक सत्र का 'सख्ती से पालन' करने को कहा है. बोर्ड की ओर से उन्हें 1 अप्रैल से पहले सत्र शुरू करने से परहेज करने की सलाह दी गई है.
शैक्षणिक वर्ष की शुरुआत
सीबीएसई बोर्ड के नोटिस में कहा गया है कि कई स्कूल पाठ्यक्रम को समायोजित करने के लिए शैक्षणिक वर्ष की शुरुआत जल्दी करते हैं. इसमें कहा गया है, 'ऐसा देखने में आया है कि कुछ मान्यता प्राप्त स्कूलों ने साल की शुरुआत में ही अपना शैक्षणिक सत्र शुरू कर दिया है. कम समय सीमा में पूरे वर्ष के पाठ्यक्रम को पूरा करने का प्रयास करने वाले स्कूल छात्रों के लिए जोखिम भरा है, क्योंकि वे दबाव में आ सकते हैं. इसके अलावा विद्यार्थियों को सीखने में परेशानी हो सकती है, जिससे चिंता और थकान हो सकती है.
बोर्ड ने आगे कहा कि ये छात्रों को लाइफ स्किल, वैल्यू एजुकेशन, हेल्थ और फिजिकल एजुकेशन, वर्क एजुकेशन और कम्युनिटी सर्विस जैसी एक्स्ट्राकरिकुलर एक्टिविटीज के लिए पर्याप्त समय नहीं देता है. बोर्ड ने जोर देकर कहा कि ये सारी चीजें भी पढ़ाई के साथ-साथ बहुत जरूरी हैं.
प्रिंसिपल और इंस्टीट्यूशन के प्रमुखों को सलाह
नोटिस में कहा गया, ‘इसलिए, बोर्ड से जुड़े हुए स्कूलों के प्रिंसिपल और इंस्टीट्यूशन के प्रमुखों को सलाह दी जाती है कि वे साल से पहले एकेडमिक सेशन शुरू करने से परहेज करें. वे 1 अप्रैल से 31 मार्च तक एकेडमिक सेशन को चलाने का सख्ती से पालन करें. सीबीएसई इस समय 10वीं और 12वीं की बोर्ड परीक्षाएं करा रहा है. बोर्ड परीक्षा 15 फरवरी से शुरू हुई थी 10वीं की बोर्ड परीक्षाएं 21 मार्च को खत्म होंगी, जबकि 12वीं की बोर्ड परीक्षाएं 5 अप्रैल तक चलेंगी.




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